दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है. इसे काबू में करने के लिए सरकार ने वाहनों को लेकर कुछ सख्त कदम उठाए हैं. राजधानी दिल्ली में बाहर से आने वाले BS6 से पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इतना ही नहीं 18 दिसंबर से PUC Certificate के बिना पेट्रोल-डीजल देने पर रोक लगा दी है. चार-पहिया और अन्य कमर्शियल वाहनों के लिए तो PUC सर्टिफिकेट अनिवार्य हो गया है, लेकिन सवाल ये है कि क्या दो पहिया वाहनों को भी पेट्रोल भराने के लिए PUC सर्टिफिकेट की जरूरत होगी?
भारत में सभी दोपहिया वाहनों के लिए PUC Certificate अनिवार्य है. यह साबित करता है कि आपकी बाइक से निकलने वाला प्रदूषण सरकार के तय मानकों के अंदर है. अगर आपके पास PUC नहीं है तो चालान कट सकता है. चालान की दर राज्य के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है. यह कानूनी तौर पर जरूरी है और इंश्योरेंस रिन्यू कराने में भी काम आता है. आमतौर पर पहले साल के बाद इसकी वैधता 6 महीने की होती है.
PUC Certificate से जुड़ी कुछ जरूरी बातें-
अनिवार्य: मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत सभी वाहनों (बाइकों सहित) के लिए जरूरी है, ताकि वायु प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके.
वैधता: नई बाइक को 1 साल का PUC मिलता है, इसके बाद आमतौर पर हर 6 महीने में रिन्यू कराना होता है. पुरानी बाइकों के लिए जांच और जल्दी हो सकती है.
उद्देश्य: यह साबित करता है कि आपकी बाइक ज्यादा प्रदूषण (जैसे CO, HC) नहीं फैला रही है और इंश्योरेंस क्लेम में भी मदद करता है.
जुर्माना: बिना वैध PUC के गाड़ी चलाने पर भारी जुर्माना लग सकता है (पहली बार में ₹1,000) और कानूनी परेशानी हो सकती है.
कैसे बनवाएं: किसी अधिकृत एमिशन टेस्टिंग सेंटर पर जाएं या Parivahan पोर्टल के जरिए आसान टेस्ट कराकर सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं.
क्या ऑनलाइन बन सकता है PUC Certificate?
आप PUC प्रमाणपत्र को पूरी तरह से ऑनलाइन रिन्यू नहीं कर सकते, क्योंकि इसके लिए वाहन की जांच की जाती है. यह जांच आपको किसी अधिकृत PUC / Emission Testing Center पर जाकर ही करानी पड़ती है. हां, आप Parivahan वेबसाइट (https://puc.parivahan.gov.in/) पर जाकर कुछ काम ऑनलाइन कर सकते हैं. जैसे PUC की वैधता चेक कर सकते हैं. आवेदन या टेस्ट की स्थिति देख सकते हैं. टेस्ट होने के बाद PUC सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं.
क्या दो पहिया वाहनों के लिए भी जरूरी है PUC सर्टिफिकेट, अगर नहीं हुआ तो क्या होगा?
