वे कुछ भी कर सकते थे… सूडान में 45 दिनों तक रहे बंधक, अब भारत लौटे आदर्श बेहरा

वे कुछ भी कर सकते थे… सूडान में 45 दिनों तक रहे बंधक, अब भारत लौटे आदर्श बेहरा

अफ्रीका के सूडान में ओडिशा के आदर्श बेहरा (Adarsh ​​Behera) को 45 दिनों तक बंदी बनाया गया था। आदर्श बेहरा उम्र 36 साल है। इतने दिनों तक बंदी रहने के बाद वो बुधवार को ओडिशा वापस लौट आए।उनकी सुरक्षित वापसी के बाद घरवालों और परिवार के लोगों ने राहत भरी सांस ली। उनके सुरक्षित लौटने पर स्वागत करते हुए, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि राज्य सरकार ने आदर्श के लापता होने की जानकारी मिलते ही इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया था।
सोशल मीडिया पर माझी ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि जगतसिंहपुर जिले के एक युवा ओडिया व्यक्ति आदर्श कुमार बेहरा सूडान में लापता हो गए थे वो सुरक्षित रूप से अपनी मातृभूमि पर लौट आए। माझी ने कहा कि हम उनके सुरक्षित बचाव को सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ लगातार समन्वय कर रहे थे। भारत सरकार की तुरंत कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थों के सहयोग से आदर्श आज अपने परिवार के पास लौट आए।
माझी ने कहा कि इस सफल मिशन के लिए विदेश मंत्रालय और सूडान में भारतीय दूतावास को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ‘राज्य के अंदर हो या विदेश में, हर ओडिया की सुरक्षा और भलाई हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। संकट के समय हम हमेशा आपके साथ हैं और रहेंगे।’
आदर्श (Adarsh ​​Behera) को एयरपोर्ट पर लेने गया परिवार
आदर्श बेहेरा (Adarsh ​​Behera) सूडान के नॉर्थ दारफुर राज्य के अल-फाशिर शहर से लापता हो गए थे। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों की मदद से उन्हें रिहा करवाया। रिहा होने के बाद आदर्श को बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनके परिवार, जिनमें उनका तीन साल का बेटा भी शामिल था। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए दूसरा जन्म है।
सूडान में रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) मिलिशिया द्वारा किडनैप किए जाने के बाद मुझे ज़िंदा रहने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत टॉर्चर किया। मुझे कई दिनों तक खाना नहीं खाने दिया गया। मुझे जेल में डाल दिया और जंगल में चलने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि भगवान का शुक्र है कि उन्होंने मुझे मारा नहीं। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वे कुछ भी कर सकते थे।
आदर्श जगतसिंहपुर जिले के कोटकाना गांव के रहने वाले हैं। वो 2022 में गृहयुद्ध से जूझ रहे सूडान गए थे और एक प्लास्टिक फैक्ट्री में मैकेनिक के तौर पर काम करते थे। कैद से रिहा होने के बाद, बेहरा मंगलवार देर रात अबू धाबी से हैदराबाद गए और आज सुबह भुवनेश्वर एयरपोर्ट पहुंचे।