योगी सरकार के निवेश विजन से हापुड़, बना नया औद्योगिक और शहरी विकास का केंद्र

योगी सरकार के निवेश विजन से हापुड़, बना नया औद्योगिक और शहरी विकास का केंद्र

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में सरकार उत्तर प्रदेश को निवेश और औद्योगिक विकास का बड़ा गंतव्य बनाने की ओर अग्रसर है। इसी क्रम में अब दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक नया निवेश केंद्र तेजी से उभर रहा है और वह हापुड़ (Hapur) है। हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण द्वारा हाल ही में आयोजित इन्वेस्ट इन हापुड़ समिट 2025 ने यह स्पस्ट कर दिया है कि आने वाले समय में हापुड़ भी गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम की तर्ज पर बड़े निवेश केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। समिट के दौरान कुल 1300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव सामने आए हैं।

इस समिट का उद्देश्य हापुड़-पिलखुवा (Hapur-Pilkhuwa Development Authority) क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को निवेशकों के सामने प्रस्तुत करना और क्षेत्र में बड़े स्तर पर निवेश को आकर्षित करना रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना रहे। उन्होंने समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार की पारदर्शी नीतियां, सुदृढ़ कानून-व्यवस्था और निवेश अनुकूल वातावरण के कारण उत्तर प्रदेश आज देश के शीर्ष निवेश गंतव्य स्थलों में शामिल हो गया है।

वित्त मंत्री ने 100 से अधिक निवेशकों के समक्ष कहा कि दिल्ली-एनसीआर का विकास अब केवल कुछ क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगा। हापुड़ जैसे क्षेत्र अब नए विकास इंजन के रूप में उभर रहे हैं। उन्होंने हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण (एचपीडीए) के वाइस चेयरमैन डॉ नितिन गौड़ (आईएएस) के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्राधिकरण ने सीमित समय में वित्तीय मजबूती और नियोजित विकास का प्रभावी मॉडल प्रस्तुत किया है। समिट में प्रस्तुत आंकड़ों ने निवेशकों का भरोसा और मजबूत किया है। पिछले दो वर्षों में हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण का कुल लाभ 172 करोड़ रुपये से बढ़कर 435 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। वहीं नक्शों व् विभिन्न स्वीकृतियों से होने वाली आय 5.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 26.32 करोड़ रुपये हो गई है। यह वृद्धि प्रभावी प्रशासनिक व्यवस्था और तेज निर्णय प्रक्रिया को दर्शाती है।

समिट के माध्यम से निवेशकों को यह संदेश दिया गया कि हापुड़ (Hapur) अब केवल ग्रामीण छवि वाला क्षेत्र नहीं है बल्कि यह दिल्ली से लगभग 15 मिनट की दूरी पर स्थित एक उभरता हुआ शहरी और औद्योगिक केंद्र है। हापुड़ का मास्टर प्लान वर्ष 2024 में स्वीकृत हो चुका है। क्षेत्र की रोड कनेक्टिविटी मजबूत है और यह दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ से कुछ मिनटों की दूरी पर स्थित है। समिट में उद्योगपति, बिल्डर्स, अस्पताल, स्कूल-कॉलेज और ग्रुप हाउसिंग से जुड़े निवेशकों को आमंत्रित किया गया। निवेशकों को आवासीय और औद्योगिक भूमि की जानकारी ग्रामवार खसरे सहित उपलब्ध कराई गई है, ताकि उन्हें भूमि खोजने में किसी प्रकार की असुविधा न हो। यह योगी आदित्यनाथ सरकार के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मॉडल का व्यावहारिक उदाहरण है।

समिट के दौरान कुल 1300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव सामने आए। यशोदा ग्रुप सहित कई बड़े निवेशकों ने हापुड़ में निवेश का आश्वासन दिया। इसमें मैक्स, मेदांता, हॉस्पिटल, न्यूट्रिमा, भारती, यशोदा समूह शामिल रहे। यशोदा हॉस्पिटल ग्रुप ने 300 करोड़ रुपये, एस्पायर 150 करोड़ रुपये, दिव्यांश ग्रुप 200 करोंड़ रुपये, आनंतम 150 करोंड़ रुपये, आईटी पार्क बाई विशाल त्यागी 200 करोंड़ रुपये, एमएंडएम 100 करोंड़ रुपये, वी मैप्स 150 करोड़ रुपये और पार्क सिटी ने 100 करोंड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है।

हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण (Hapur-Pilkhuwa Development Authority) के वाइस चेयरमैन डॉ नितिन गौड़ ने बताया कि यह पहली बार है जब प्राधिकरण स्तर पर इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया। उन्होंने बयाया की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर हरिपुर आवासीय योजना के अंतर्गत 30 हेक्टेयर का नया लैंड बैंक विकसित किया जा रहा है। इसमें से 21 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण अब तक पूरा हो चुका है। हापुड़ की कनेक्टिविटी नेशनल हाईवे-9, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे से है।