दिल्ली-NCR में GRAP-4 लागू, इन पर रहेगी सख्त पाबंदियां

दिल्ली-NCR में GRAP-4 लागू, इन पर रहेगी सख्त पाबंदियां

दिल्ली में प्रदूषण का कहर बना हुआ है। रविवार को भी दिल्ली-एनसीआर का क्षेत्र जहरीले धुंध की घनी चादर में डूबा हुआ दिखाई दिया। ये जहरीली धुंध इतनी ज्यादा रही कि इसका गहरा असर विज़िबिलिटी पर भी दिखाई दिया। रविवार यानी 14 दिसंबर को विजिबिलिटी भी बहुत कम हो गई और हवा की क्वालिटी सबसे खतरनाक लेवल पर पहुंच गई। ये धुंध देखने में तो कोहरे जैसा दिखाई दे रहा था, मगर ये प्रदूषण की मोटी चादर थी। कई जगह पर विजिबिलिटी शून्य होने की वजह से गाड़ियों की रफ्तार थम सी गई।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के डेटा के मुताबिक सुबह 6:00 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक 491 पर पहुंच गया। AQI का ये लेवल ‘बहुत गंभीर’ कैटेगरी में आता है। ऐसी स्तिथि में प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए GRAP-4 की पाबंदियों को आज से लागू कर दिया गया।
हाइब्रिड मोड में पढ़ाई
दिल्ली की हवा बेहद खराब स्तर पर पहुंचने की वजह से दिल्ली सरकार ने स्कूलों को लेकर भी अहम फैसला लिया है।ग्रेप-4 के लागू होने के बाद बच्चों को खतरनाक हवा से बचाने के लिए, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस को क्लास 5 तक की क्लास को हाइब्रिड मोड में चलाने का निर्देश दिया गया है। स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे ऑनलाइन और ऑफलाइन लर्निंग के कॉम्बिनेशन से पढ़ाई जारी रखते हुए फिजिकल अटेंडेंस कम करें। GRAP-IV के तहत, राज्य सरकारों और दिल्ली सरकार के पास लोकल हालात के आधार पर क्लास 6 से 10 और क्लास 11 के लिए फिजिकल क्लास बंद करने का ऑप्शन भी है।
कंस्ट्रक्शन, माइनिंग और स्टोन क्रशर बंद
GRAP-4 के तहत सबसे सख्त उपायों में से एक है पूरे दिल्ली-NCR में कंस्ट्रक्शन और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अधिकारियों ने स्टोन क्रशर, माइनिंग ऑपरेशन और सभी संबंधित गतिविधियों को बंद करने का भी आदेश दिया है, जो धूल और पार्टिकुलेट प्रदूषण में काफी योगदान देते हैं। ये कदम GRAP स्टेज I, II और III के तहत पहले से लगाए गए प्रतिबंधों के अलावा हैं।
NCR में गाड़ियों पर सख्त पाबंदियां
ट्रांसपोर्ट पर पाबंदियों को काफी सख्त कर दिया गया है। दिल्ली और आसपास के जिलों जैस गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चार पहिया गाड़ियों की आवाजाही पर सख्त रोक लगा दी गई है।
दिल्ली में जरूरी सामान ले जाने वाले या जरूरी सेवाएं देने वाले ट्रकों को छोड़कर यहां पर ट्रकों की एंट्री मना है। LNG, CNG, इलेक्ट्रिक और BS-VI डीज़ल ट्रकों को इजाज़त है। दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हल्के कमर्शियल वाहनों पर रोक है, जब तक कि वे इलेक्ट्रिक, CNG या BS-VI डीज़ल से न चलते हों, या ज़रूरी सामान न ले जा रहे हों।
ट्रैफिक जाम और प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने का आदेश दिया है। बाकी स्टाफ घर से काम करेगा। यह निर्देश पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी किया गया है। केंद्र सरकार केंद्रीय सरकारी ऑफिसों में भी वर्क-फ्रॉम-होम के प्रावधानों को बढ़ाने पर फैसला ले सकती है।
GRAP-4 का मतलब और ये कब लागू होता है?
दिल्ली में प्रदूषण की समस्याओं से निपटने के लिए CAQM (Commission for Air Quality Management) की तरफ से ग्रेप (Graded Response Action Plan) लेकर आया गया, जिसे 4 स्तर पर बांटा गया। इसमें ग्रेप-1 से ग्रेप-4 की व्यवस्था लागू की गई है। 201 से 300 के बीच ग्रेप-1 की AQI रीडिंग को खराब माना जाता है, इसके बाद ग्रेप-2 की AQI रीडिंग बहुत खराब (301400) आता है। जब इंडेक्स 401 से ऊपर चला जाता है, तो ग्रेप-3 में हवा की क्वालिटी गंभीर ज़ोन में आ जाती है। 450 से ऊपर की किसी भी रीडिंग को बहुत गंभीर कैटेगरी में रखा जाता है, जो सबसे खतरनाक कैटेगरी है।
ये GRAP-4 के अंदर आता है और सभी उम्र के लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है। शनिवार शाम को शाम 7 बजे कुल AQI 448 था, जबकि 24 घंटे का औसत शाम 4 बजे 349 (बहुत खराब) था। रात भर प्रदूषण का स्तर बढ़ने से रविवार सुबह तक प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा से ऊपर चला गया।