एथेनॉल कारें महंगी! Toyota ने कहा—टैक्स पॉलिसी रीवर्क करे सरकार

एथेनॉल कारें महंगी! Toyota ने कहा—टैक्स पॉलिसी रीवर्क करे सरकार

भारत में एथेनॉल (Ethanol) आधारित गाड़ियों को बढ़ावा देने के बीच टॉयोटा किर्लोस्कार मोटर ने सरकार से फ्लेक्स-फ्यूल (FFV) और हाइब्रिड फ्लेक्स-फ्यूल गाड़ियों पर टैक्स राहत देने की अपील की है. कंपनी का कहना है कि मौजूदा टैक्स ढांचा इन गाड़ियों को महंगा बना रहा है और इससे देश के एथेनॉल मोबिलिटी मिशन की रफ्तार धीमी हो सकती है.
त्रिवेणी इंजीनियरिंग के सबितगढ़ शुगर मिल के मीडिया दौरे के दौरान टॉयोटा किर्लोस्कार मोटर के कंट्री हेड और एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट (कॉरपोरेट अफेयर्स) विक्रम गुलाटी ने कहा कि फ्लेक्स-फ्यूल तकनीक अपनाने से निर्माण लागत 40,00050,000 रुपये तक बढ़ जाती है, जबकि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड FFVs पर 3 लाख रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त लागत आती है. टैक्स लगने के बाद फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों की लागत करीब 80,000 रुपये और हाइब्रिड मॉडल की लागत लगभग 5 लाख रुपये तक बढ़ जाती है. उन्होंने इसे मेरिट टेक्नोलॉजी पर अनचाहा टैक्स बताया और टैक्सेशन को तर्कसंगत बनाने की मांग की.
भारत में पर्याप्त मात्रा में एथेनॉल (Ethanol) 
गुलाटी का कहना है कि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड फ्लेक्स-फ्यूल वाहन देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने में पुल का काम कर सकते हैं और अमेरिकाचीन जैसे भू-राजनीतिक जोखिमों से भी सुरक्षा देते हैं. उन्होंने बताया कि भारत में एथेनॉल (Ethanol) की पर्याप्त उपलब्धता है, जिससे इस तकनीक को बड़े स्तर पर अपनाया जा सकता है.
इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) के डायरेक्टर जनरल दीपक बल्लानी ने बताया कि 202526 सीजन में तेल कंपनियों ने 1,048 करोड़ लीटर एथेनॉल खरीदने का वादा किया है, जबकि उत्पादन करीब 1,900 करोड़ लीटर होने का अनुमान है. इंडस्ट्रियल मांग पूरी करने के बाद भी 450 करोड़ लीटर से ज्यादा एथेनॉल बच जाएगा. यह फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों के बड़े पैमाने पर उपयोग की संभावनाओं को मजबूत करता है.
हालांकि, उद्योग का मानना है कि टैक्सेशन, लाइफसाइकल कार्बन अकाउंटिंग और ग्राहकों के लिए इंसेंटिव को लेकर स्पष्ट नीतियां अभी भी नहीं हैं. उच्च एथेनॉल ब्लेंड पर तकनीकी चुनौतियों को लेकर भी सवाल हैं. गुलाटी ने कहा कि E100 पर माइलेज घट सकता है, इसलिए स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड मॉडल सबसे बेहतर विकल्प हैं.
फ्लेक्स-फ्यूल से कंपनी और ग्राहक दोनों को होगा फायदा
CAFÉ 3 ड्राफ्ट नॉर्म्स में फ्लेक्स-फ्यूल तकनीक को शामिल किए जाने पर उन्होंने कहा कि साफ तकनीकों को बढ़ावा देने से कंपनियों और ग्राहकों दोनों को लाभ होगा. उनके अनुसार एथेनॉल की उपलब्धता और मजबूत सप्लाई चेन इसे भविष्य का सुरक्षित और स्वच्छ ईंधन बनाते हैं.