Tata Motors की नई सिएरा (Tata Sierra) एक बार फिर नए लुक और नए फीचर्स के साथ मार्केट में धमाल मचाने को तैयार है, लेकिन क्या आप लोग जानते हैं कि पुरानी सिएरा को आखिर क्यों कंपनी ने बंद कर दिया था? पहली बार सन् 1991 में टाटा सिएरा को भारतीय बाजार में उतारा गया था, ये कार असल में भारत की पहली कॉम्पैक्ट SUV थी जिसे शुरुआत में नैचुरली एस्पिरेटेड डीजल इंजन के साथ पेश किया गया था और बाद में इस गाड़ी को टर्बो इंजन के साथ लाया गया था.
1997 में कंपनी ने सिएरा (Tata Sierra) के फेसलिफ्ट मॉडल को टर्बोचार्ज्ड इंजन और नए डिजाइन के साथ फिर से लॉन्च किया था. पुरानी सिएरा ने 1991 से 2003 तक भारतीय सड़कों पर राज किया लेकिन 2003 में कंपनी ने इसे डिस्कंटीन्यू करने का फैसला लिया. अब यहां सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर क्यों कंपनी को सिएरा को बंद करने का फैसला लेना पड़ा?
Old Tata Sierra Discontinue: क्यों बंद हुई थी पुरानी सिएरा?
इस कॉम्पैक्ट एसयूवी के बंद होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि कार का थ्री डोर डिजाइन, कीमत और कम बिक्री.
तीन दरवाजे वाला डिजाइन
भारतीय बाजार में उस समय फैमिली फोक्स्ड गाड़ियों को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है लेकिन पुराना सिएरा के Three Door Design की वजह से पीछे की सीट पर बैठना या सामान रखने में मुश्किल होती थी, जिससे ग्राहकों को ये गाड़ी कम पसंद आने लगी.
High Pricing
जब Tata Sierra लॉन्च हुई थी, तब उसकी कीमत उस समय के हिसाब से काफी ज्यादा थी. भारतीय बाजार तब भी बजट फ्रेंडली था लेकिन दाम ज्यादा होने के कारण यह गाड़ी आम लोगों की पहुंच से बाहर थी, जिस वजह से इसकी बिक्री सीमित रही. Carwale और CarTrade जैसी साइट्स पर जानकारी के अनुसार, इस कार के डिस्कंटीन्यू होने से पहले इस गाड़ी की कीमत लगभग 25 लाख रुपए थी.
कम बिक्री, इंजन और फीचर्स
थ्री डोर डिजाइन और कीमत की वजह से इस कार की बिक्री कम रही और अपनी क्षमता के हिसाब से बिक्री हासिल करने में सफल नहीं रही. खराब बिक्री के आंकड़ों के कारण कंपनी को इसे बंद करने का फैसला लेना पड़ा था. समय के साथ सिएरा का इंजन और फीचर्स भी प्रतिस्पर्धा में पीछे छूटने लगे थे.
