महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इलेक्ट्रिक वाहनों के सेक्टर में अपनी पकड़ को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. कंपनी का टारगेट है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक हर महीने करीब 7 हजार इलेक्ट्रिक वाहनों की सेल करें. अभी कंपनी हर महीने लगभग 4 से 5 हजार यूनिट्स की डिलीवरी कर रही है, लेकिन हाल ही में लॉन्च हुई 7 सीटर इलेक्ट्रिक एसयूवी XEV 9S ने इन उम्मीदों को और बढ़ा दिया है.
इलेक्ट्रिक की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है
इसपर कंपनी के शीर्ष अधिकारी और ऑटो एवं फार्म डिविजन के सीईओ राजेश जेजुरिकर का कहना है कि महिंद्रा (Mahindra ) अपनी ईवी प्रोडक्शन क्षमता को बढ़ाकर 8,000 यूनिट प्रति माह तक ले जा रही है. उनका मानना है कि घरेलू मार्केट में इलेक्ट्रिक एसयूवी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और आने वाले साल में ये सेगमेंट कंपनी के लिए प्रमुख भूमिका निभाएगा. महिंद्रा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 202728 तक उसकी कुल बिक्री में ईवी का योगदान लगभग 25% तक पहुंच सकता है.
बॉर्न-इलेक्ट्रिक मॉडल BE 6 और XEV 9
कंपनी ने बताया कि चाकन प्लांट में बनाए जा रहे बॉर्न-इलेक्ट्रिक मॉडलों BE 6 और XEV 9 की 30,000 से ज्यादा यूनिट्स पिछले सात महीनों में बिक चुकी हैं, जिससे लगभग ₹8,000 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. ये आंकड़ा महिंद्रा की इलेक्ट्रिक रणनीति की सफलता का बड़ा संकेत देता है.
चार्चिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर कंपनी तेजी से काम कर रही है
चार्चिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर भी महिंद्रा (Mahindra ) तेजी से काम कर रही है. कंपनी का टारगेट है कि 2027 तक हाई-ट्रैफिक लोकेशन पर करीब 1,000 चार्जिंग प्वॉइंट लगाए जाएं. इससे लंबी दूरी की यात्रा करने वाले लोगों को काफी आराम मिलेगा. एक्सपोर्ट को लेकर महिंद्रा सावधानी बरत रही है. कंपनी पहले राइट-हैंड-ड्राइव मार्केट्स में अपनी इलेक्ट्रिक SUVs भेजेगी और फिर मांग और प्रतिक्रिया के आधार पर लेफ्ट-हैंड-ड्राइव देशों में प्रवेश करेगी.
बैटरी रीसाइक्लिंग पर भी महिंद्रा (Mahindra ) विशेष ध्यान दे रही है. कंपनी का कहना है कि उसकी इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर रेंज सबसे पहले बैटरी डिस्पोजल के चैलेंज का सामना करेगी, इसलिए इसके समाधान पर टीम पहले से काम कर रही है.
