यूपी सरकार का भागीदारी मॉडल बना मिसाल

Bhagidari Model

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार समाज के हर वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके उत्थान के लिए लगातार नए कदम उठा रही है। इसी कड़ी में समाज कल्याण विभाग और मेटाफर लखनऊ लिटफेस्ट के सहयोग से लखनऊ में सम्पन्न हुए दो दिवसीय ‘भागीदारी साहित्य उत्सव’ (Bhagidari Sahitya Utsav) का आयोजन वंचित समाज के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य वंचित वर्गों के अधिकारों, उनकी भागीदारी और समावेशी विकास को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में प्रतिष्ठित साहित्यकारों, समाजसेवियों और स्वयंसेवी संगठनों के गणमान्यों ने हिस्सा लिया और साहित्य, कला और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन पर मंथन किया।

उत्सव में ‘वंचित वर्ग की बुलंद आवाज’ विषय पर आयोजित चर्चा में समाज के वंचित तबके से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। दलित साहित्य पर केंद्रित सत्रों में साहित्यकारों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भागीदारी मॉडल (Bhagidari Model) की तारीफ करते हुए दलित साहित्य की प्रासंगिकता और इसके सामाजिक प्रभावों पर चर्चा की। इस दौरान कई पुस्तकों पर विमर्श किया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि साहित्य केवल अभिव्यक्ति का माध्यम ही नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का भी सशक्त उपकरण है।

प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण की योजनाओं को रेखांकित करते हुए समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि “डबल इंजन की सरकार समाज के हर वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योगी सरकार लगातार उन समुदायों को सशक्त बनाने का कार्य कर रही है, जो लंबे समय से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े रहे हैं।

नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रम बने आकर्षण का केंद्र

उत्सव में भगवान बिरसा मुंडा को समर्पित एक नुक्कड़ नाटक आदिवासी समाज के संघर्ष और योगदान को प्रभावी ढंग से लोगों के बीच रखा। इसके अलावा, झुग्गी बस्तियों के युवाओं द्वारा इनोवेशन फॉर चेंज (आईएफसी) के समन्वय में आयोजित रैंप वॉक कार्यक्रम भी चर्चा का विषय बना, जिसमें रैंपर्स ने अपनी प्रस्तुति से सभी अतिथियों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। योगी सरकार द्वारा वंचित वर्गों को मिले इस बड़े मंच ने समाज में भागीदारी का एक मॉडल प्रस्तुत किया।

साहित्य और शिक्षा के माध्यम से समाज में जागरूकता लाने का हुआ प्रयास

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिए उनके साहित्य, शिक्षा और कला को एक मंच प्रदान करना था। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस बात पर जोर दिया कि साहित्यिक विमर्श के माध्यम से आर्थिक विकास के समाधान खोजे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार वंचित समुदायों के लिए न केवल योजनाएं बना रही है, बल्कि उन्हें जागरूक करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम भी उठा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में समाज कल्याण विभाग का यह प्रयास उत्तर प्रदेश में वंचित तबके को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ‘भागीदारी साहित्य उत्सव’ (Bhagidari Sahitya Utsav) न केवल साहित्यिक विचारों का मंच बना, बल्कि यह सामाजिक बदलाव के लिए भी प्रेरणा स्रोत साबित हुआ है।

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