देहरादून। देवभूमि… ये आस्था की डगर है। देवाधिदेव महादेव शिव के प्रिय मास सावन में चहुओर एकसार और भोले भंडारी की जय जयकार। नंगे पांव, लंबा सफर और हर हर महादेव, बम-बम भोले का उन्माद भरा मंत्र। देवभूमि उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक कंकर कंकर शंकर का अद्भुत नजारा आस्था की डगर पर अलौकिक छटा बिखेर रही है। ऐसा ही नजारा शनिवार को देहरादून शहर में देखने को मिला। शिवाजी धर्मशाला से निकली श्रीटपकेश्वर शोभायात्रा में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ मानो आस्था की हिलोर दिख रही थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने शनिवार को सहारनपुर चौक पर टपकेश्वर महादेव की भव्य शोभायात्रा में प्रतिभाग किया। भक्ति-भाव से लबरेज मुख्यमंत्री धामी (CM Dhami) समेत टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत कृष्णा गिरि महाराज एवं महंत दिगंबर भरत गिरि महाराज ने पूजा-अर्चना के साथ शोभायात्रा का शुभारंभ किया। इस दौरान विधायक खजान दास, टपकेश्वर सेवा दल के अध्यक्ष गोपाल कुमार गुप्ता, महासचिव महेश खंडेलवाल, अनुज गुप्ता आदि उपस्थित थे।
सांझी संस्कृति के संगम संग लघु भारत की तस्वीर पेश कर रही देवभूमि
सावन मास में खासकर हरिद्वार-हर की पैड़ी क्षेत्र का अलग ही नजारा है। इन दिनों देवभूमि केसरिया रंग में रंगी है, जो सांझी संस्कृति के संगम संग लघु भारत की तस्वीर पेश कर रही है।
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कांवड़ यात्री लगातार जल लेकर हरिद्वार से अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं। माहौल पूरे शबाब पर है। कदम-कदम पर धर्म-अध्यात्म की गंगा बह रही है। आस्था के इस रंग में हर कोई रंगने को लालायित है।
कहीं शिव की महिमा का गुणगान तो कहीं धार्मिक गीतों की स्वर लहरियों की गूंज
आस्था और आध्यात्म से भाव-विभोर हर कोई शिवभक्तों को देखकर रुककर निहार रहा है तो कोई हाथ जोड़कर प्रणाम कर रहा है। चाय की दुकान, गंगा तट, मठ-मंदिर और पार्क इत्यादि जगहों पर कांवड़ यात्री ही नजर आ रहे हैं। कहीं शिव की महिमा का गुणगान हो रहा तो कहीं धार्मिक गीतों की स्वर लहरियां गूंज रही हैं। इन दिनों देवभूमि इन्हीं से गुलजार है।