हाथरस हादसे में 6 गिरफ्तार, मुख्य आयोजक पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित

Hathras Incident

हाथरस/लखनऊ। हाथरस में हुए हादसे (Hathras Incident) को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के मोर्चा संभालने के बाद यूपी पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई को अंजाम देना शुरू कर दिया है। पुलिस ने गुरुवार को 6 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है, जिनमें सत्संग आयोजन समिति से जुड़े 4 पुरुष तथा 2 महिलाएं शामिल हैं। यूपी पुलिस के सीनियर अफसर के अनुसार गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में राम लडैते यादव (मैनपुरी), मंजू यादव (हाथरस), उपेंद्र सिंह यादव (फिरोजाबाद), मंजू देवी यादव (हाथरस), मेघ सिंह (हाथरस) और मुकेश कुमार (हाथरस) शामिल हैं। ये सभी सेवादार हैं।

वहीं, पुलिस ने मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं को भोले बाबा के चरणरज लेने के लिए अनियंत्रित छोड़ दिया, जिसके बाद भगदड़ मच गई। हालात खराब देखकर ये सेवादार भाग निकले। मालूम हो कि सोमवार को घटी इस घटना में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के कुल 121 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई थी, जिसमें अधिकांश महिलाएं शामिल हैं।

भीड़ नियंत्रित करने की थी जिम्मेदारी

अलीगढ़ मंडल के आईजी शलभ माथुर ने बताया कि अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया है कि वे आयोजन समिति के सदस्य हैं एवं सेवादार के रूप में कार्य करते हैं। इनका मुख्य कार्य सत्संग कमेटी में भीड़ इकट्ठा करना और चंदा इकट्ठा करना है। साथ ही ये बैरिकेटिंग द्वारा भीड़ नियंत्रण, श्रद्धालुओं को धूप व गर्मी से बचाने के लिए पांडाल की व्यवस्था, वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था, कार्यक्रम स्थल पर खड़ंजा, बिजली की आपूर्ति हेतु जेनरेटर की व्यवस्था, सफाई इत्यादि की व्यवस्था भी करते हैं।

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कार्यक्रम के आयोजन के लिए इन लोगों को विभिन्न प्रकार की वर्दी दी गई है। भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा के लिए महिलाओं एवं पुरुषों को काले रंग की कमांडो ड्रेस व एकरूपता के लिए पिंक ड्रेस भी दी जाती है, जिससे वो भीड़ को अपने हिसाब से नियंत्रित कर सकें।

अनियंत्रित भीड़ को छोड़कर भाग निकले

पूछताछ में यह जानकारी भी सामने आई कि बाबा के अनुयायियों में बाबा के बारे में काफी मान्यताएं हैं। बाबा के चरणरज से बहुत सारे संकट दूर हो जाते हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया है कि हम लोग बाबा के काफिले को भीड़ के बीच से निकालने के लिए आगे व पीछे दौड़ते हैं। उस दिन भी बाबा की चरणरज के लिए भीड़ गाड़ी के पास आई तो सेवादारों ने भीड़ को रोका और जैसे ही काफिला आगे निकल गया तो सेवादारों ने भीड़ को चरणरज लेने के लिए अनियंत्रित छोड़ दिया, जिससे वहां पर महिलाएं व बच्चे एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे और अफरा-तफरी मच गई। यह देखकर सेवादार वहां से जल्दी निकल गए।

विवेचना में यह भी प्रकाश में आया है कि यह लोग पुलिस प्रशासन को आयोजन की फोटो, वीडियो बनाने से रोकते थे एवं उनके साथ अभद्रता करते थे। पुलिस द्वारा ये भी विवेचना की जा रही है कि इन सेवादारों में से किसी के द्वारा कोई आपराधिक साजिश तो नहीं की गई है।

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