चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। एमएलए किरण चौधरी (Kiran Chaudhary) और उनकी पूर्व सांसद बेटी श्रुति चौधरी (Shruti Chaudhary) ने पार्टी छोड़ दी है। किरण चौधरी (Kiran Chaudhary) अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ आज हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh Saini) , केंद्रीय मंत्री और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गईं।
बीजेपी में शामिल होने के बाद किरण चौधरी (Kiran Chaudhary) ने कहा, “ये फैसला मैंने हमारे नेतृत्व और हमारे पीएम जिन्होंने विकसित भारत का संकल्प रखा, उनसे प्रेरित होकर लिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के विकास के लिए जो कार्य किए हैं उसी के कारण दिल्ली में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनी है।”
श्रुति चौधरी ने कहा, “ये बहुत गर्व की बात है कि मनोहर लाल खट्टर और पीएम मोदी ने चौधरी बंसी लाल के साथ काम किया है। हम बीजेपी में जुड़ रहे हैं ताकि हम देश और प्रदेश को मजबूती दे सकें। मैं अपने नेतृत्व मनोहर लाल खट्टर, नायब सिंह सैनी, तरुण चुघ का इस मौके के लिए धन्यवाद करती हूं।”
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh Saini) ने कहा, “मैं किरण चौधरी (Kiran Chaudhary) और श्रुति चौधरी का अपनी पार्टी में बहुत-बहुत स्वागत और धन्यवाद करता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि किरण चौधरी और श्रुति चौधरी के साथ मिलकर भाजपा एक परिवार की तरह हरियाणा को मजबूत करने का काम करेगी।”
किरण चौधरी (Kiran Chaudhary) और श्रुति चौधरी, दोनों ने कल मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने अलग-अलग त्यागपत्र में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। साथ ही अपने पत्र में उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा और यह आरोप लगाया कि कुछ लोग पार्टी की प्रदेश इकाई को ‘निजी जागीर’ के रूप में चला रहे हैं। श्रुति चौधरी वर्तमान में कांग्रेस की हरियाणा प्रदेश इकाई की कार्यकारी अध्यक्ष थीं। किरण हुड्डा की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री रही थीं।
महेंद्रगढ़ से सशक्त उम्मीदवार थीं श्रुति चौधरी
पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह ने कहा, श्रुति चौधरी पहले सांसद भी रही हैं और महेंद्रगढ़ भिवानी सीट से सशक्त उम्मीदवार थीं, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन पार्टी का अपना फैसला होता है। पार्टी ने जो फैसला लिया होगा, वो सारे हालात देखकर लिया होगा। अब चुनाव के नतीजे आ चुके हैं तो उन बातों को छोड़ कर विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी चाहिए। बृजेंद्र का कहना था कि टिकट वितरण को लेकर एक लंबी प्रोसेस होती है। पहले स्क्रीनिंग कमेटी बैठती है। ऊपर नाम भेजे जाते हैं। फिर CEC के पास नाम आते हैं। उसके बाद टिकटों का निर्धारण होता है। टिकट तो एक को मिलता है। दावेदार कई लोग होते हैं। बृजेंद्र बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।
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बता दें कि किरण चौधरी और श्रुति चौधरी दोनों ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना अलग-अलग इस्तीफा भेजा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा पर परोक्ष रूप से हमला किया और आरोप लगाया कि पार्टी की स्टेट यूनिट को एक निजी जागीर के रूप में चलाया जा रहा है। श्रुति चौधरी इस समय हरियाणा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष भी थीं। जबकि किरण चौधरी भिवानी जिले के तोशाम से मौजूदा विधायक हैं। उन्होंने बताया कि वो और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी दोनों बुधवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होंगी।
चौधरी बंसी लाल की बहू हैं किरण (Kiran Chaudhary)
किरण चौधरी (Kiran Chaudhary) , हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की बहू हैं और उन्हें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा की कट्टर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। हालांकि, हुड्डा के नेतृत्व वाले कांग्रेस शासन के दौरान किरण मंत्री भी रह चुकी हैं। हरियाणा की राजनीति में मां-बेटी का अच्छा खासा दखल है। राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। माना जा रहा है कि मां-बेटी के बीजेपी में आने से पार्टी को इसका लाभ मिल सकता है।