देहारादून। उत्तराखंड के ढाई लाख से अधिक कर्मचारियों की झोली साल का आखिर आते-आते सरकार (Dhami Government) ने भर दी। जो मांगें साल की शुरुआत में तेजी से उठी थी, उनमें से तमाम मांगों पर सरकार ने अहम फैसले लिए। हालांकि, गोल्डन कार्ड समेत कई मांगें इंतजार से आगे नहीं बढ़ पाईं।
कर्मचारियों को ये मिलीं सौगातें
रोडवेज मृतक आश्रित : परिवहन निगम में 2017 के बाद से मृतक आश्रितों को नौकरी देने पर रोक लगी हुई थी। हाल में हुई कैबिनेट बैठक में इसे हटा दिया गया। निगम के 195 पदों पर मृतक आश्रितों को नौकरी देने का निर्णय लिया गया। इससे पहले सालभर आश्रित परिवारों ने आंदोलन किया, जिसे निगम के कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन दिया था।
पदोन्नति में शिथिलीकरण : यह मुद्दा सालभर कर्मचारी संगठनों ने प्रमुखता से उठाया। दिसंबर में हुई कैबिनेट में इसे फिर से लागू किया गया। अब खाली पद होने पर मानक पूरे न होने के बावजूद उनकी पदोन्नति हो सकेगी। कार्मिक विभाग ने उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण (संशोधन) नियमावली को लागू कर दिया है। इसका लाभ चयन वर्ष में 30 जून 2024 तक ले सकते हैं।
आयोग समूह-ग भर्ती में मृतक आश्रित : राज्य लोक सेवा आयोग की परिधि में आने वाले समूह-ग के पदों पर अभी तक मृतक आश्रितों को भर्ती का मौका नहीं मिलता था। सरकार ने कैबिनेट बैठक में इस शर्त को हटाने का निर्णय लिया। इसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। नए साल से मृतक आश्रितों को राज्य लोक सेवा आयोग की परिधि के समूह-ग पदों पर भी नौकरी मिलेगी।
एसीपी का मुद्दा : प्रदेश में कर्मचारियों की एसीपी में अति उत्तम का विकल्प था। तमाम कर्मचारी ऐसे थे, जिनकी एसीपी में अति उत्तम नहीं था। मांग थी कि ये विकल्प हटाया जाए। सरकार ने विकल्प 2017 से हटा दिया। लिहाजा, अब काफी कर्मचारी उत्तम की श्रेणी में आने के चलते उन्हें एसीपी का लाभ मिल सकेगा।
वाहन भत्ता बढ़ोतरी : सरकार ने विभिन्न संवर्गों के सभी फील्ड कर्मचारियों का वाहन भत्ता बढ़ा दिया। अब वेतनमान के हिसाब से 1200 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक वाहन भत्ता मिलेगा। पहले सभी श्रेणियों में वाहन भत्ता 1,200 रुपये ही तय था। कर्मचारी संगठन लगातार इसकी मांग उठा रहे थे। दिसंबर में ही इसका आदेश जारी हुआ।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पदोन्नति : प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति में होने वाले टाइपिंग टेस्ट में बड़ी राहत इस साल मिली है। पहले इन कर्मचारियों को 4,000 की डिप्रेशन प्रति घंटे होती थी, जिसे घटाकर 2400 कर दिया गया। इससे प्रदेश के बड़ी संख्या में कर्मचारियों को लाभ मिला।
वर्दी भत्ता : 25 हजार कर्मचारियों को लाभ मिला। पुलिस विभाग में तैनात हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का सालाना वर्दी भत्ता बढ़ा। कांस्टेबल का 1050 रुपये और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 700 रुपये भत्ता बढ़ाया गया। पुलिस के हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल समतुल्य पद पर तैनात कार्मिकों को अब प्रतिवर्ष 2,250 के स्थान पर 3,300 रुपये वर्दी भत्ता मिलेगा। पुलिस बल के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 1500 रुपये के स्थान पर 2200 रुपये मिलेंगे।
सामूहिक बीमा : राज्य कर्मचारी सामूहिक बीमा योजना एवं बचत योजना में बीमा कवर पांच गुना बढ़ाया गया। इसके साथ ही कर्मियों से प्रति माह ली जाने वाली प्रीमियम की दरें भी बढ़ाई गई। 2,800 ग्रेड वेतन पर 350 रुपये प्रीमियम और पांच लाख रुपये बीमा कवर होगा। 2,800-5,400 ग्रेड वेतन पर 700 रुपये प्रीमियम और 10 लाख बीमा कवर, 5400 से ऊपर के ग्रेड वेतन श्रेणी में आने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों से 1400 रुपये प्रीमियम और 20 लाख बीमा कवर तय किया गया। सामूहिक बीमा योजना में बीमा कवर बढ़ाने से लगभग डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारियों व अधिकारियों को लाभ मिलेगा।
पुरानी पेंशन : ऐसे कर्मचारी जिनकी भर्ती की विज्ञप्ति एक अक्तूबर 2005 से पहले प्रकाशित हुई होगी, उन्हें सरकार ने इसी साल से पुरानी पेंशन का लाभ देने का निर्णय लिया। इसके लिए विभागवार जानकारी मांगी गई है। अभी तक इन कर्मचारियों को नई पेंशन योजना का लाभ मिल रहा था।
नए साल में इन मांगों के लिए जद्दोजहद रहेगी जारी
गोल्डन कार्ड : गोल्डन कार्ड योजना के तहत कैशलेस ओपीडी की मांग अधूरी ही रह गई। वहीं, पेंशनरों को एक बार फिर गोल्डन कार्ड योजना चुनने का विकल्प देने की मांग पर भी कोई काम नहीं हो पाया। सालभर तमाम संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन किए। मंत्री ने समिति गठित की, जिसने रिपोर्ट भी दी। बावजूद इसके ये मांग पूरी नहीं हो पाई। कर्मचारी संगठन अभी भी इसके लिए मुखर हैं।
पदोन्नत वेतनमान : यह मांग वैसे तो लंबे समय से उठ रही है, लेकिन साल 2023 में प्रमुखता से उठी। बावजूद इसके इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ। कर्मियों की मांग है कि 10, 16, 26 साल की सेवा पर पदोन्नत वेतनमान का लाभ दिया जाए। नए साल में भी यह मांग प्रमुखता से उठ सकती है।
पुरानी पेंशन : पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन और राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाल संयुक्त मोर्चा लगातार संघर्षरत है। दोनों संगठनों ने बड़े पैमाने पर सालभर प्रदर्शन, रैलियां कीं। नए साल में भी दोनों संगठन इस मांग को उठाने को प्रतिबद्ध हैं।
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वेतन विसंगति समिति रिपोर्ट : वेतन विसंगति समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। बावजूद इसके कर्मचारी संगठनों की इसे सार्वजनिक करने की मांग इस साल में अधूरी रह गई।
समान सेवा नियमावली : विभिन्न विभागों की समान सेवा नियमावली की मांग भी अधूरी रह गई है। संगठन नए साल में इसे जोर-शोर से उठाने की तैयारी में हैं।
यात्रा देय व एलटीसी की नियमावली : इस नियमावली में संशोधन की मांग अधूरी है। नए साल में इसके पूरा होने का इंतजार है।