लखनऊ । अपराध और अपराधियों के खिलाफ प्रभावी अभियान चला रही योगी सरकार (Yogi Government) के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। सर्वोच्च न्यायालय की ई-कमेटी द्वारा परिकल्पित और गृह मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) प्लेटफॉर्म पर सर्वाधिक इंट्री दर्ज करने वाला राज्य लगातार तीसरे साल भी प्रथम पायदान पर है। दरअसल, ICJS प्लेटफॉर्म के जरिए देशभर में आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न स्तंभों के बीच डेटा और सूचना का निर्बाध हस्तांतरण होता है। इनमें अदालतें, पुलिस, जेल और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के बीच सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए अपराध और अपराधियों से जुड़े डेटा का आदान प्रदान होता है।
एडीजी अभियोजन दीपेश जुनेजा ने बताया कि ICJS प्लेटफॉर्म पर उत्तर प्रदेश के अभियोजन विभाग द्वारा अबतक 1,56,22,514 प्रविष्टियां दर्ज कराई जा चुकी हैं। वहीं दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश द्वारा 35,04,828 और तीसरे स्थान पर बिहार 16,65,107 प्रविष्टियां दर्ज कराई गई हैं।
ICJS के जरिए अपराध और आपराधिक डेटा जैसे एफआईआर, केस नंबर, जेल आईडी, संदिग्धों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से लेकर दोषियों के कारावास तक के रिकॉर्ड रखे जाते हैं। साथ ही अदालती मामलों के विवरण, परीक्षण, निर्णय, अभियोजन और फोरेंसिक जानकारी भी एक ही प्लेटफॉर्म के जरिए अदालतें, पुलिस, जेल और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं द्वारा एक्सेस की जा सकती है।
समय-समय पर आवश्यक आपराधिक न्याय से संबंधित जांच, खोज, केस हिस्ट्री, केस पेंडेंसी, अपराधी की वर्तमान स्थिति जैसी जानकारियां भी आईसीजेएस पर मौजूद रहती हैं। पुलिस विभाग को इन सूचनाओं के आधार पर अपराधों के पूर्वानुमान के लिए डेटा एनालिटिक्स और भविष्य में अपराध नियंत्रण के प्रभावी प्रबंधन में मदद मिलती है।
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इसके अलावा ICJS पर अपराध और अपराधियों से संबंधित फोटोग्राफ्स, वीडियोग्राफ, दस्तावेजी सबूत के साथ ही कोर्ट केस डेटा, अदालती कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग भी सुरक्षित रखे जाते हैं। साथ ही साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालती कार्यवाही को सक्षम बनाने में भी इससे मदद मिलती है।