लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) का बुंदेलखंड के ललितपुर में बल्क ड्रग पार्क (Bulk Drug Park) बनाने का निर्णय काफी अहमियत रखता है क्योंकि प्रदेश में यह जगह ही ऐसी है, जो बल्क ड्रग पार्क के सारे मानकों पर खरी उतरती है। विशेषज्ञों की मानें तो बल्क ड्रग पार्क के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति, बढ़िया कनेक्टिविटी, जलापूर्ति, डिजिटल फाइबर कनेक्टिविटी समेत तमाम आवश्यक आधारभूत संरचनाओं की विशेष जरूरत होती है। इन सभी मानकों को योगी सरकार द्वारा बल्क ड्रग पार्क के लिए चुना गया ललितपुर बखूबी पूरा करता है।
जामनी नदी के चेक डैम से पानी की होगी सप्लाई
बल्क ड्रग पार्क (Bulk Drug Park) के लिए शुरुआती अनुमान के अनुसार 25 एमएलडी पानी की जरूरत होगी, जिसमें केवल 15 एमएलडी शुद्ध ताजे पानी की आवश्यकता होगी जबकि 10 एमएलडी पानी को प्लांट के अंदर ही रिसाइकिल कर उपयोग में लाया जाएगा। बल्क ड्रग पार्क के ठीक बाहर चेक डैम स्थापित है, जो जामनी नदी पर बना हुआ है। इस चेक डैम से ही पार्क को जलापूर्ति की जाएगी। इसके अलावा ललितपुर में कई बड़े जलाशय हैं, जो पानी की कमी को सालभर पूरा करने में सक्षम हैं।
बता दें कि जामनी नदी पर बांध बना हुआ है, जिसकी लंबाई 6.40 किमी और ऊचाई 19.18 मीटर है। इसका क्षेत्रफल 414 वर्ग किमी है और भंडारण क्षमता 92.89 एमसीएम है, जो पार्क के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। इसी तरह पार्क के लिए अनुमानित बिजली की मांग लगभग 200 मेगावाट की होगी। इसके लिए पार्क में ट्विन फीडर का 220 केवी सबस्टेशन स्थापित किया जाएगा। ऐसे में पार्क के पास पहले से बिजली आपूर्ति स्रोत स्थित हैं। इनमें 1980 मेगावाट क्षमता का थर्मल पावर प्लांट और 600 मेगावाट क्षमता का अल्ट्रा-मेगा सौर पार्क शामिल है, जिससे पार्क को बिजली की सप्लाई दी जाएगी।
ललितपुर से होकर गुजरता है देश का सबसे लंबा नेशनल हाइवे-44
पार्क (Bulk Drug Park) के लिए रोड कनेक्टिविटी का काफी का महत्व है। ऐसे में पार्क से 25 किमी. की दूरी पर नेशनल हाइवे-44 स्थित है, जो देश का सबसे लंबा नेशनल हाइवे है। यह हाइवे श्रीनगर से कन्याकुमारी तक देश के 13 राज्यों को जोड़ता है। इससे ड्रग के आयात और निर्यात को काफी सहूलियत होगी। इसके साथ ही एयर कार्गो कनेक्टिविटी भी काफी अहम है। पार्क से 45 किमी. की दूरी पर एयर कार्गो एयरपोर्ट स्थित है। इसके अलावा सी पोर्ट, इनलैंड वॉटरवे और ड्राई पोर्ट का अपना विशेष महत्व है। पार्क के पास ही योगी सरकार ने ड्राई पोर्ट के लिए 60 एकड़ जमीन आवंटित की है। यहां पर कस्टम क्लीयरेंस सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
ड्राई पोर्ट में यह सुविधाएं होंगी मौजूद
आईसीडी के लिए यहां ऑफिस बनाया जाएगा। यहां कस्टम ऑफिस, एजेंसी के साथ शिपिंग लाइन्स और एजेंट के ठहरने की जगह होगी। कंटेनर स्टैकिंग एरिया, भारी उपकरणों के लिए मानक के अनुसार फुटपाथ, आयात-निर्यात के लिए लंबे समय के लिए गोदाम होंगे। इसके अलावा टर्मिनल में प्रवेश की प्रतीक्षा कर रहे वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थान, इलेक्ट्रॉनिक वेटब्रिज, कंटेनरों की लोडिंग/अनलोडिंग और कंटेनरों को भरने और खाली करने के लिए आधुनिक हैंडलिंग उपकरण आदि की सुविधा मिलेगी।