लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन की कार्रवाई में मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने बिजली के मामले में विपक्ष को करारा जवाब देते हुए एक बार फिर चारो खाने चित्त कर दिया। विपक्ष ने बिजली कनेक्शन में देरी होने की बात कहते हुए ऊर्जा मंत्री को सदन में घेरने की कोशिश की थी, जिसके जवाब में एके शर्मा ने एक बार फिर विपक्ष की बोलती बंद करते हुए कहा, आज की तारीख़ में उत्तर प्रदेश में कुल 3.30 करोड़ बिजली उपभोक्ता के कनेक्शन हैं, जिसमें से 1.58 करोड़ 2017 के बाद भाजपा सरकार में दिये गये हैं।
ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के साढ़े 06 साल के शासन में जितने कनेक्शन दिए गए हैं वो पिछले 70 वर्ष में सभी सरकारों द्वारा दिये गए कनेक्शन से ज़्यादा हैं। वहीं वर्ष 2022-23 में अकेले 17 लाख कनेक्शन दिए गये हैं। वित्तीय वर्ष 2023 के प्रथम चार महीने अप्रैल, मई, जून, जुलाई में ही 4.44 लाख कनेक्शन दिए गये हैं। बात करें, जनवरी 2023 कि तो एक ही महीने में 1.22 लाख कनेक्शन राज्य में दिए गये हैं।
उर्जा मंत्री मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि पहले पक्षपातपूर्ण कार्य होता था। अब सारी व्यवस्था ऑनलाइन हो चुकी है और पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य किया जा रहा है।
उर्जा मंत्री (AK Sharma) ने ट्रांसफार्मर के जलने और ख़राब होने के मुद्दे पर भी विपक्ष को आईना दिखाते हुए कहा कि आपके समय में वर्ष 2017 तक राज्य में सिर्फ 12 लाख ट्रांसफार्मर थे, जिसमें से 2.50 लाख से ऊपर यानी कि 20 प्रतिशत ख़राब रहते थे। अब हमारे पास 26.36 लाख ट्रांसफार्मर हैं और 2022-23 में ख़राबी का प्रतिशत मात्र 10 प्रतिशत है। उसमें भी पिछले साल की अपेक्षा ट्रांसफार्मर की बेहतर रख-रखाव के कारण जलने-ख़राब होने की दर में भारी कमी आई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली देने का किया जा रहा प्रयास: एके शर्मा
वहीं विपक्ष ने उर्जा मंत्री श्री शर्मा(AK Sharma) के वक्तव्य में जब यह कह कर व्यवधान उत्पन्न करने की कोशिश की, कि नोटिस के विषय पर जवाब नहीं आया, तो अध्यक्ष ने विपक्ष को डांट लगा दी और कहा कि एक दम सही जवाब, प्रश्न के मुताबिक़ दिया है। आपने सुना नहीं… जिसके पश्चात विपक्ष निरुत्तर होकर चरों खाने चित्त हो गया।
बता दें, कि देश और प्रदेश की भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। किसी भी योजना या परियोजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाए जाने में पक्षपातपूर्व व्यव्हार नहीं किया जाता है।