योगीराज में ‘घूंघट’ से निकलकर गांव की सूरत बदल रहीं महिला ग्राम प्रधान

mahila gram pradhan

लखनऊ। मिशन शक्ति (Mission Shakti) के तहत प्रदेश की महिलाओं को सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने में जुटी योगी सरकार गांवों के समग्र विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला ग्राम प्रधानों (Mahila Gram Pradhan) को प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। मिशन शक्ति के तहत पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (पीआरआईटी) द्वारा वर्तमान में 25 जिलों में लगभग 3693 महिला प्रधानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

वहीं विभिन्न चरणों में प्रदेश की 26 हजार से अधिक महिला ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य गांव को विकास से जोड़ने के साथ प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में उनकी अहम भूमिका निभाना है। इसके माध्यम से महिला ग्राम प्रधानों (Mahila Gram Pradhan) को न सिर्फ गांव की सूरत बदलने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, बल्कि उनके अधिकारों के प्रति भी उन्हें जागरूक किया जा रहा है।

मिशन शक्ति के तहत महिला ग्राम प्रधानों को बताये जा रहे उनके अधिकार

पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान की ओर से प्रशिक्षण के जरिये महिला ग्राम प्रधानों (Mahila Gram Pradhan) को उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराया जा रहा है ताकि वह घरेलू परिवेश तक सीमित न रहकर गांव की सूरत बदलने में अपनी भूमिका निभा सके। प्रशिक्षण में महिला प्रधानों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों के प्रति जागरूकता और पुरुषों की जगह स्वयं काम संभालने की प्रक्रिया के बारे में बताया जा रहा है।

Mahila Gram Pradhan

इसके साथ ही प्रशिक्षण में महिला जनप्रतिनिधियों की प्रशासनिक ज़िम्मेदारियों, ग्राम सचिवालय की व्यवस्था, सचिवालय से जन सुविधा केन्द्र के संचालन की जानकारी दी जा रही है ताकि वह समझ सकें कि किस तरह से गांव के समग्र विकास का खाका तैयार करना है और फिर उसे कार्यरूप देने के लिए अधिकारियों के सामने किस तरह से पेश करना है। इसके साथ ही साथ सतत् विकास लक्ष्यों को उनके स्थानीयकरण द्वारा ग्राम पंचायत के सहयोग से प्राप्त करना, स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता संबंधी सेवाओं की लगातार निगरानी को प्राथमिकता देने के लिए नेतृत्व कौशल के संबंध में भी जानकारी प्रदान की जा रही है।

महिलाएं गांव के समग्र विकास और बुनियादी सुविधाओं को लेकर होती हैं ज्यादा सजग

अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की मंशा के अनुरूप ग्रामीण अर्थव्यवस्था काे मजबूत करने एवं महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए मिशन शक्ति के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्राय: यह देखा गया है कि महिलाएं गांव के समग्र विकास, बुनियादी सुविधाओं और परिवार की सेहत को लेकर ज्यादा सजग रहती हैं।

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इसी सोच के साथ महिला ग्राम प्रधानों को इतना सशक्त बनाया जा रहा है ताकि वह पूरे गांव की सेहत, सुरक्षा और विकास का जिम्मा बखूबी निभा सकें। इसी उद्देश्य से पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने सेन्टर फॉर कैटेलाइजिंग चेन्ज (सी-3) के साथ हाथ मिलाया है ताकि पंचायती राज संस्थाओं द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा बुनियादी सेवाओं सहित स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता संबंधी सेवाओं की लगातार निगरानी को प्राथमिकता मिल सके। इसके लिए महिला ग्राम प्रधानों को नेतृत्व क्षमता, संचार कौशल एवं लैंगिक समानता विषय पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसी क्रम में दोनों संस्थाओं ने मिशन शक्ति के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया है। इस मॉड्यूल के मुताबिक प्रत्येक जिले में मास्टर ट्रेनर द्वारा महिला ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह भी दी जा रही जानकारी

प्रशिक्षण में मातृत्व एवं शिशु पोषण, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, कुपोषण व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है और निगरानी में ग्राम प्रधान की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि किस तरह से ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के दौरान पंचायत सदस्यों की उपस्थिति को सुनिश्चित कराया जाये। गांव में उपलब्ध स्वास्थ्य संसाधनों, कार्यकर्ता और उनके कार्यों के बारे में प्रधान को पूरी जानकारी दी जा रही है।

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