देहरादून। मुख्यमंत्री (CM Dhami) से मिलकर कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मालन नदी पर बने पुल के ढह जाने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने विशेष चर्चा की।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया की क्षेत्र में मालन नदी पर वर्ष 2010 में लोक निर्माण विभाग ने लगभग 1250 लाख की धनराशि से तैयार किया गया पुल जो मात्र 13 वर्षों में ध्वस्त हो गया। इसके कारण 38 वर्षीय हल्दुखाला कोटद्वार निवासी प्रसन्न मोहन डबराल की मृत्यु हो गयी। उसका 06 वर्ष का लड़का और 03 वर्ष की लड़की है। 02 अन्य व्यक्ति घायल हो गये, जो सबके लिये अत्यन्त ही दु:खद और निराशाजनक है।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा समय-समय पर स्थानीय अधिकारियों से लेकर शीर्षस्थ अधिकारियों को दूरभाष, बैठक में व्यक्तिगत रूप और पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया कि कोटद्वार में मालन सुखरा और खोह नदियों में अनियंत्रित खनन किया गया, जिसके कारण इन नदियों पर बने पुलों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न होना स्वाभाविक है। इसके परिणाम स्वरूप मालन नदी पर बना पुल मात्र 13 वर्षों में ध्वस्त हो गया है। यह पुल कोटद्वार और भाबर को आपस में जोड़ता है। पुल टूटने से डबराल की मृत्यु और दो व्यक्ति घायल होने के साथ-साथ (सिगडी झण्डीचौड़ कालालघाटी एवं कण्वाश्रम में रह रहे हजारों परिवारों का कोटद्वार प्रशासनिक मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है। औद्योगिक क्षेत्र की भी भारी हानि उठानी पड़ सकती है क्योंकि इस क्षेत्र की लाइफ लाइन मालन पुल है।
भूमि दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें: सीएम धामी
विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री (CM Dhami) से आग्रह किया कि कोटद्वार विधान सभा क्षेत्र के हजारों निवासियों सहित औद्योगिक क्षेत्र पर पढ़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए सतर्कता विभाग से खनन अवधि में सम्बन्धित विभागों की उच्च स्तरीय जांच दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी करवाई करने की मांग की। उन्होंने क्षेत्र कोटद्वार के कलालघाटी- मवाकोट मार्ग के मध्य मालन नदी पर 300 मीटर स्पॉन डबल लेन आरसीसी सेतु का निर्माण कराए जाने के बात कही । साथ ही कुंभी चौड़ स्थित बंद पड़े झूला पुल को भी ध्वस्त करने को कहा।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष की सभी मांगों को माना और पुल गिरने की जांच विजलेंस के माध्यम से कराने की बात की। साथ ही बंद पड़े पुल के ध्वस्तीकरण करने को कहा और वैकल्पिक मार्ग मावकोट- कण्वआश्रम को कोटद्वार वासियों के आवागमन के लिए चौड़ीकरण और सुगम बनाने की बात कही।