देहारादून। मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कैम्पा के तहत होने वाले कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि वन सम्पदाओं से लोगों की आजीविका में वृद्धि करने की दिशा में लगातार प्रयास किये जाएं। साथ ही कहा कि कैम्पा के तहत प्राप्त हो रही धनराशि का समय पर और सही तरीके से उपयोग हो।
सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने सशक्त Uttarakhand@25 के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग की ओर से तैयार की गई अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा की।
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी (CM Dhami) ने अखरोट, बांस एवं औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में कार्य किये जाएं। बांज, सागौन, पॉपुलर को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किये जाएं। पिरूल नीति से लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए और प्रयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने बैठक में वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि हरेला पर्व पर प्रदेश में व्यापक स्तर पर पौधरोपण किया जाए। फलदार और औषधीय पौधों के रोपण पर विशेष ध्यान दिया जाय। पौधरोपण के लिए जन सहभागिता का होना जरूरी है। इसके लिए सामाजिक संगठनों और लोगों का पूरा सहयोग लिया जाए। जल संरक्षण एवं जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। जल संचय के लिए तालाबों के निर्माण की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्य किये जाएं। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए लगातार प्रयास किये जाएं।
वन विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 2026-27 तक आर्थिकी को दोगुना करने के लिए ईको टूरिज्म गन्तव्यों का विकास किया जा रहा है। वन पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। लीसा उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। निजी भूमि में स्थित वृक्षों के पातन की प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में हो रहे विकास, मन्दिर माला मिशन के तहत हो रहे कार्यों, विभिन्न शहरों के विकास एवं भविष्य की सम्भावनाओं को देखते हुए सड़कों के निर्माण एवं विस्तार की दिशा में कार्य किये जाए। तकनीकी सर्वें के साथ सड़कों के विकास के सुनियोजित तरीके से कार्य किये जाएं।
उन्होंने बैठक में निर्देश दिये कि सड़क निर्माण के साथ ही ड्रेनेज की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि रोड कटिंग के समय प्राकृतिक जल स्रोत प्रभावित न हों। सड़कों के किनारे फलदार वृक्ष लगाये जाएं।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान बारिश से प्रदेश के विभिन्न मार्गों पर सड़क बाधित होने की स्थिति में लोक निर्माण विभाग द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि बारिश के कारण यदि सड़क बाधित होती है तो, उनको तुरंत सुचारु करने के लिए पूरी व्यवस्थाएं रखी जाएं। सभी पुराने पुलों का भी सर्वे किया जाए। सड़क निर्माण के लिए विभिन्न स्थानों पर जो वन भूमि के प्रकरण चल रहे हैं, उनके समाधान के लिए कार्यों में और तेजी लाई जाये।
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मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि सड़कों के निर्माण एवं सुधारीकरण से संबंधित जो भी कार्य चल रहे हैं, वे सभी निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जाए, इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाय। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये कि विभाग की ओर से भारत सरकार को जो भी प्रस्ताव भेजे जाने हैं, वे शीघ्र उपलब्ध कराए जाएं।
बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि लोक निर्माण विभाग में अगले दो वर्षों में 03 हजार किमी मार्गों का डामरीकरण करने, 3500 किमी मार्गों के नवीनीकरण के कार्य करने का लक्ष्य रखा गया है। दीर्घकालिक योजनाओं के तहत देहारादून, हरिद्वार, रुद्रपुर एवं हल्द्वानी रिंग रोड का निर्माण किया जायेगा। मानसखण्ड योजना के लिए मार्गों के निर्माण के लिए प्रथम चरण के कार्यों की कार्यवाही गतिमान है। वर्षा काल में विभिन्न मार्गों पर 400 जेसीबी लगायी गई है, इनको जीआईएस से कनेक्ट किया गया है।
बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव डॉ. पंकज कुमार, प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) अनूप मलिक, अपर सचिव विजय कुमार जोगदाण्डे, लोक निर्माण एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।