लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग के निर्धन लोगों को अब बेटियों की शादी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2023-24 में इस वर्ग के गरीबों की बेटियों के हाथ पीले करने के लिए 150 करोड़ रुपए के बजट को वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। शादी अनुदान योजना (Marriage Grant Scheme) के अंतर्गत अब तक प्रदेश सरकार 3 लाख, 85 हजार, 514 लाभार्थियों को 771 करोड़ रुपए का अनुदान दे चुकी है।
विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों को प्रत्येक माह की 10 तारीख तक शासन को बताना होगा कि इस मद में कितनी राशि खर्च की गई है। इसका अनुपालन न होने पर इसे अनियमितता के रूप में लिया जाएगा। साथ ही स्वीकृत राशि का किसी भी दशा में किसी अन्य मद में उपयोग नहीं किया जाएगा तथा वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर बची राशि को राजकोष में जमा कराना होगा। इस संबंध में सभी जनपदों, मंडलों में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही कराने के लिए निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा निर्देश दिया जाएगा।
योजना (Marriage Grant Scheme) का लाभ लेने के लिए यह है जरूरी
योजना (Marriage Grant Scheme) का लाभ लेने के लिए शहरी क्षेत्र में आवेदक की वार्षिक आय 56 हजार 460 एवं गरीब एवं ग्रामीण क्षेत्र में 46 हजार 080 वार्षिक होनी चाहिए। विभाग के लिए आवेदन में लड़के की उम्र 21 वर्ष लड़की की 18 वर्ष होनी चाहिए। ओबीसी, एससी या एसटी का जाति प्रमाण-पत्र भी होना चाहिए। योजना में एक परिवार से अधिकतम 2 पुत्रियों तक विवाह अनुदान का लाभ दिया जा सकता है।
सामूहिक विवाह योजना में 2.25 लाख से ज्यादा बेटियों के हाथ पीले किए
योगी सरकार सिर्फ पिछड़े वर्ग के लिए ही नहीं, बल्कि सभी वर्गों के निर्धन लोगों की बेटियों का भी ध्यान रख रही है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से गरीब बेटी की शादी के लिए व्यक्तिगत अनुदान दिया जाता है। समाज कल्याण विभाग सामूहिक विवाह के आयोजन करवाता है और प्रत्येक विवाह पर 51 हजार रुपए खर्च करता है। पहले यह राशि 35 हजार थी, जिसे बढ़ा दिया गया है। अब तक इस योजना के तहत कुल 2.25 लाख से अधिक बेटियों की शादी कराई जा चुकी है।