शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 700 करोड़ खर्च करेगी योगी सरकार

Education

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा (Education) को हर किसी के लिए सुलभ बनाने के साथ-साथ गुणवत्ता को सुधारने के लिए योगी सरकार (Yogi government) आगामी तीन माह में 700 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगी। प्रदेश सरकार ने बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा पर 750 करोड़ से ज्यादा का बजट खर्च की कार्य योजना बनाई है। यह राशि इन तीनों ही विभागों में पहले से जारी या नई योजनाओं पर खर्च की जाएगी। इनमें कई योजनाएं केंद्र की हैं, जिन पर केन्द्र सरकार द्वारा बजट की किस्त जारी होने और प्रदेश सरकार की मंजूरी के बाद व्यय किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, बेसिक शिक्षा विभाग ने विभिन्न योजनाओं पर 121 करोड़ रुपये के बजट व्यय की कार्य योजना बनाई है। उच्च शिक्षा विभाग ने 20 करोड़ से अधिक राशि के खर्च की कार्य योजना प्रस्तुत की है। वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 600 करोड़ से ज्यादा के बजट की प्राप्ति के आधार पर व्यय का अनुमान जताया है। नए वित्तीय वर्ष में सभी विभागों को तीन माह की कार्य योजना पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

बेसिक स्कूल होंगे अपग्रेड

बेसिक शिक्षा विभाग ने 121 करोड़ से अधिक बजट के व्यय की कार्य योजना प्रस्तुत की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बेसिक शिक्षा विभाग को पीएम श्री योजना के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार से 510 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त होना है। विभाग ने शुरुआती तीन माह में इस योजना के तहत 76.10 करोड़ की धनराशि व्यय करने की कार्य योजना बनाई है। पीएम श्री के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देश भर के लगभग 14 हजार 500 सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करने की योजना है। स्कूलों को सौर पैनलों, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट के साथ ग्रीन स्कूल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इसके अलावा चिल्ड्रेन एंड एडोलसेंड्स लाइब्रेरीज एंड डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विभाग को 300 करोड़ का बजट मिलना है। विभाग की ओर से इस योजना पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्लान है।

दूसरी बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार

माध्यमिक शिक्षा विभाग की बात करें तो पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) योजना के अंतर्गत 390 करोड़ का बजट मिलना प्रस्तावित है। यह केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना है जिस पर व्यय स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता, शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कार्ययोजना एवं आवंटित बजट के द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा स्ववित्त पोषित स्कूलों में अध्ययनरत एक अभिभावक की दूसरी पुत्री की ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति के लिए विभाग को पांच करोड़ के बजट का प्रस्ताव है।

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विभाग इस योजना के तहत शासन द्वारा प्राविधानित धनराशि की स्वीकृति के बाद जनपदों से उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर अप्रैल के लिए 1.39 करोड़ का आवंटन किया जाएगा। चिल्ड्रेन एंड एडोलसेंड्स लाइब्रेरीज एंड डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर 237 करोड़ के बजट का प्रावधान है। माध्यमिक शिक्षा परिषद मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय के लिए क्रमशः पांच और एक करोड़ के बजट पर व्यय का विवरण प्राप्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

उच्च शिक्षा के साथ मिलेगा स्किल हब

बेसिक और माध्यमिक के अलावा उच्च शिक्षा विभाग ने भी आगामी तीन माह के लिए बजट व्यय की कार्ययोजना प्रस्तुत की है। इसके अंतर्गत स्किल हब की स्थापना के लिए 2.10 करोड़ के बजट का प्रावधान है। विभाग इसके लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद व आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था करेगा। इस योजना के माध्यम से सरकार स्कूल छोड़ चुके छात्र-छात्राओं के लिए व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने और स्कूल के बाद तथा सप्ताहिक अवकाश के दिन स्किल ट्रेनिंग के शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेशन कोर्स कराएगी। वहीं उच्च शिक्षा गुणवत्ता संवर्धन पर दो करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना पर 10 करोड़ रुपये, वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी के लिए पांच करोड़ रुपये और रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए स्किल हब पर एक करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।

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