6 महीने के मासूम की दर्दनाक मौत, नशीले ‘गुल मंजन’ को टूथपेस्ट समझकर खा गया

6 महीने के मासूम की दर्दनाक मौत, नशीले ‘गुल मंजन’ को टूथपेस्ट समझकर खा गया

अलीगढ़। जिले के इगलास थाना क्षेत्र में 6 महीने के मासूम की दर्दनाक मौत हो गई। मासूम ने गुल मंजन (Gul Manjan) खा लिया। इससे उसकी जान चली गई। गोंदा गांव में 10 दिसंबर 2025 की शाम घटी इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। अलीगढ़ का ये गोंदा गांव कृषि-प्रधान है, यहां पारंपरिक घरों में देसी उत्पाद जैसे तंबाकू युक्त मंजन का उपयोग आम है।
खेल-खेल में बच्चा आरव डिब्बी तक पहुंच गया। उसने काफी मात्रा में मंजन मुंह में डाल लिया और निगल लिया। उसके बाद बच्चे के मुंह से झाग निकलने लगे और वह बेहोश हो गया। कुछ ही मिनटों बाद बच्चे को उल्टी शुरू हो गई। उसे सांस लेने में तकलीफ और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई दिए।
नशीले पदार्थ के कारण बच्चे का शरीर तेजी से प्रतिक्रिया करने लगा। धड़कन तेज हो गई, श्वास नली में रुकावट आई और मस्तिष्क पर विष का असर हुआ। परिजन तुरंत बच्चे को स्थानीय डॉक्टर के पास ले गए। स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार की कोशिश की गई, लेकिन बच्चे की हालत बिगड़ती चली गई।
गंभीर स्थिति देखकर परिवार बच्चे को हाथरस जिला अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर गए। हाथरस, अलीगढ़ से सटा जिला है। अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने बच्चे की जांच की। बच्चा पहले से ही कोमा में था और वेंटिलेटर या एंटीडोट देने का कोई समय नहीं बचा था। इसी दौरान डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में मौत का कारण नशीले पदार्थ की अत्यधिक मात्रा होना पाया गया।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि मौत का मुख्य कारण गुल मंजन के नशीले तत्वों (जैसे निकोटीन, अफीम डेरिवेटिव्स) की अधिकता से हुई विषाक्तता है। यह पदार्थ पाचन तंत्र से रक्त में मिलकर हृदय और श्वास प्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे शिशुओं में तत्काल मृत्यु हो सकती है।
थाना इगलास पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। परिवार ने कोई आपराधिक शिकायत नहीं दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने इसे ‘लापरवाही से मौत’ का मामला मानते हुए IPC की धारा 304A के तहत केस दर्ज किया है। परिवार सदमे में है। मां-दादी पर आत्मग्लानि का बोझ है, क्योंकि मंजन घर में असुरक्षित रखा था।