योगी सरकार की जल प्रबंधन नीति को पेरिस समिट में मिला वैश्विक सम्मान

Paris Summit

लखनऊ। पेरिस में आयोजित ग्लोबल इनोवेशन समिट (Paris Summit) में योगी सरकार द्वारा लागू की गई जल और ठोस कचरा प्रबंधन की नीतियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भरपूर सराहना मिली है। इस सम्मेलन में यूपी के “वन सिटी, वन ऑपरेटर” (Ine City One Operator) मॉडल को सीवर प्रबंधन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ माना गया। हाल ही में संपन्न हुए महाकुंभ मेला 2025 में योगी सरकार द्वारा अपनाई गई अत्याधुनिक जल प्रबंधन तकनीकों ने सभी का ध्यान खींचा। महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को कुशल अपशिष्ट और जल प्रबंधन सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।

तकनीकों का अनूठा संगम

पेरिस में आयोजित ग्लोबल इनोवेशन समिट (Paris Summit) में राज्य के नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात (Amrit Abhijat) ने योगी सरकार की उपलब्धियों को दुनिया के सामने पेश किया। उन्होंने यूपी सरकार की ओर से प्रस्तुति देते हुए बताया कि कैसे योगी सरकार के मार्गदर्शन में “वन सिटी, वन ऑपरेटर” मॉडल को सफलतापूर्वक लागू किया गया, जो अब सीवरेज प्रबंधन में एक आदर्श बन चुका है।

उन्होंने कहा, “महाकुंभ 2025 में लागू की गई तकनीकी पहल योगी सरकार की बड़े पैमाने पर टिकाऊ शहरी समाधानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।” महाकुंभ में मोबाइल फेकल स्लज और सेप्टेज मैनेजमेंट (एफएसएसएम) इकाइयों, सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन (एससीएडीए) सिस्टम, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी), जीआईएस-आधारित स्प्रिंकलर और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए इनोवेटिव जियोट्यूब तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इन तकनीकों ने न केवल मेले को स्वच्छ रखा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया।

25 देशों के प्रतिनिधियों ने की तारीफ

सुएज सम्मेलन में 25 देशों के 250 प्रतिनिधियों ने योगी सरकार के मॉडल की जमकर सराहना की। कई देशों ने यूपी के इस मॉडल को अपने क्षेत्रों में लागू करने की इच्छा जताई। यह योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की तकनीक-संचालित शहरी बुनियादी ढांचे में बदलाव की कहानी को रेखांकित करता है।

भारत की बढ़ती ताकत

इस वैश्विक मंच पर यूपी की भागीदारी ने भारत के नवाचारों को उजागर किया। योगी सरकार के प्रयासों ने उत्तर प्रदेश को बड़े आयोजनों और शहरी आबादी के लिए जल संसाधन प्रबंधन में ज्ञान का नेतृत्वकर्ता बनाया है।

अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तुति के बाद कई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें हुईं, जिसमें भविष्य के जल प्रबंधन प्रोजेक्ट्स पर सहयोग की संभावनाएं तलाशी गईं।

admin