लखनऊ/पणजी। प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) का समापन भले ही एक माह पूर्व हो गया, लेकिन इसकी उपलब्धियों की गूंज अभी भी पूरे देश में सुनाई दे रही है। महाकुम्भ के दौरान 45 दिनों के इस दिव्य आयोजन में प्रदेश के अग्निशमन विभाग ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूरे आयोजन के दौरान आग की वजह से एक भी जनहानि नहीं हुई। प्रदेश के अग्निशमन विभाग के इस उत्कृष्ट कार्य को पूरे देश में न सिर्फ सराहा जा रहा है, बल्कि पुरस्कृत भी किया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को गोवा में सीएम डॉ प्रमोद सावंत ने उत्तर प्रदेश के अग्निशमन विभाग की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए विभाग के अधिकारियों को सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि प्रयागराज के संगम तट पर विश्व के सबसे बड़े मानवीय समागम, महाकुम्भ (Maha Kumbh) में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया था। 4000 हेक्टेयर में बसे और 25 सेक्टर में बंटे महाकुम्भ नगर में लगभग प्रत्येक दिन एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम तट पर आ रहे थे। ऐसे में यूपी अग्मिशमन विभाग ने अपने अत्याधुनिक उपकरणों और मुस्तैदी से महाकुम्भ (Maha Kumbh) जैसे महाआयोजन में बिना किसी जन हानि के अग्नि दुर्घटनाओं पर काबू पाया। साथ ही लगभग 16.5 करोड़ रूपये से अधिक की धन हानि को भी बचाया। महाकुम्भ में लगभग 24 बड़ी अग्नि दुर्घटनाओं के साथ 185 अग्नि दुर्घटनाओं पर काबू पाया गया। जिसने सीएम योगी की सुरक्षित महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री आवास पर हुआ सम्मान
महाकुम्भ (Maha Kumbh) में अग्निशमन के नोडल अधिकारी रहे प्रमोद शर्मा ने बताया कि गोवा के डायरेटोरेट ऑफ फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। डायरेक्टर नितिन वी रायकर ने उत्तर प्रदेश के अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को महाकुम्भ में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित करने हेतु गोवा आमंत्रित किया था, जहां मुख्यमंत्री आवास पर स्वयं मुख्यमंत्री ने प्रदेश अग्निशमन विभाग की एडीजी पद्मजा चौहान, उपनिदेशक फायर सर्विस महाकुम्भ अमन शर्मा, नोडल ऑफिसर महाकुम्भ प्रमोद शर्मा एवं मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रयागराज कमिश्नरेट डॉ राजीव पांडे को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इस दौरान, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अग्निशमन विभाग के कार्यों की प्रशंसा की और महाकुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने में विभाग की भूमिका को सराहा। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अग्निशमन अधिकारियों से महाकुम्भ के लिए की गई तैयारियों और क्विक रिस्पांस के विषय में भी विस्तार से जानकारी ली।
महाकुम्भ (Maha Kumbh) में 185 अग्नि दुर्घटनाओं पर पाया गया नियंत्रण
महाकुम्भ 2025 (Maha Kumbh) को सुरक्षित महाकुम्भ बनाने में यूपी अग्नि शमन विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूपी अग्नि शमन विभाग ने महाकुम्भ के 45 दिनों के दिव्य, भव्य आयोजन में 185 अग्नि दुर्घटनाओं पर बिना किसी जन हानि के काबू पाया। 185 में से 24 अग्नि दुर्घटनाएं गंभीर स्थिति की थी, जिनमें काबू पाने में कुछ टेंट और तम्बू जल गये लेकिन किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई। जबकि 86 के करीब छिटपुट अग्निजनित दुर्घटनाएं भी हुईं जिन पर आसानी से काबू पा लिया गया। महाकुम्भ के दौरान सबसे बड़ी अग्नि दुर्घटना 19 जनवरी को मेले के सेक्टर-19 में सिलेंडर के फटने से हुई थी, लेकिन उसमें भी विभाग ने पूरी मुस्तैदी से सभी श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को रेस्क्यू करते हुए कम से कम समय में काबू पा लिया था। महाकुम्भ के दौरान लगभग 16.5 करोड़ रुपये की धन हानि को प्रत्यक्ष तौर पर बचाया गया। इसके साथ ही 8 पशुओं को भी आग की चपेट में आने से सफलतापूर्वक बचाया गया।
अत्याधुनिक उपकरणों और क्विक रिस्पांस का किया उपयोग
सुरक्षित महाकुम्भ (Maha Kumbh) की परिकल्पना के अनुरूप मेला क्षेत्र के 25 सेक्टरों में 54 अग्निशमन केंद्र, 27 अग्निशमन चौकियां स्थापित की गई थीं। मेले के दौरान 2,200 प्रशिक्षित अग्निशमन कर्मी प्रत्येक सेक्टर में तैनात रहे। महाकुम्भ में 351 अग्निशमन वाहन सहित अत्याधुनिक अग्निशमन उपकरणों की भी व्यवस्था की गई थी।
इसके साथ ही वीडियो और थर्मल इमेजिंग कैमरों से सुसज्जित 4 आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर, क्विक रिस्पांस व्हीकल, ऑल-टेरेन व्हीकल (एटीवी), अग्निशमन रोबोट और फायर मिस्ट बाइक शामिल थीं। साथ ही बोट और पांटून पुलों पर आग बुझाने के लिए नदी के पानी का उपयोग करने में सक्षम अग्निशमन नावें भी उपयोग में लाई गईं। इसी का परिणाम था कि महाकुम्भ के इस विशाल आयोजन में हुई अग्नि दुर्घटनाओं के बाद भी बिना किसी जन हानि के रेस्क्यू करने में अग्नि शमन विभाग ने सफलता पाई।