महाकुम्भ नगर : महाकुम्भ (Maha Kumbh) के पावन अवसर पर महाशिवरात्रि से पहले आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। एक ओर जहां 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम की त्रिवेणी में पवित्र स्नान कर इतिहास रच दिया है, वहीं दूसरी ओर पूरे देश से लोगों का बहुत बड़ी संख्या में प्रयागराज की ओर आने का सिलसिला जारी है। अभी महाकुम्भ (Maha Kumbh)को लेकर टिप्पणी करने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल की जनता में भी पवित्र त्रिवेणी स्नान को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा है। पश्चिम बंगाल के आसनसोल से 2000 श्रद्धालुओं का एक विशाल दल 40 बसों में सवार होकर संगम की पावन रेत पर राम नाम का जप करने और पवित्र स्नान करने के लिए महाकुम्भनगर की ओर रवाना हो चुका है।
अयोध्या के प्रमुख संत और रघुवंश संकल्प सेवा के अध्यक्ष स्वामी दिलीप दास त्यागी ने बताया कि ये सभी श्रद्धालु शनिवार की रात महाकुम्भ पहुंचेंगे। साथ ही यहां अयोध्या के संतों के साथ मंत्रोच्चार के बीच गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य स्नान भी करेंगे।
पश्चिम बंगाल से श्रद्धालुओं के साथ आ रहे दल के आयोजक मंडल के अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद के अनुसार महाकुम्भ की महायात्रा कई मायनों में विशेष महत्व रखती है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से प्रयागराज में महाकुम्भ का इतना बड़ा आयोजन किया है, वैसा इस देश में कोई दूसरा व्यक्ति नहीं कर सकता। सीएम योगी के कार्यों से प्रभावित होकर ही पश्चिम बंगाल के लोग बड़ी संख्या में यहां आकर सबकुछ अपनी आंखों से देखने चाहते हैं।
इस दौरान विशेष यज्ञ और हवन का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमें पश्चिम बंगाल के साथ साथ देश के कई राज्यों से आए बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेंगे।
पितरों की मुक्ति के लिए मां गंगा की शरण
पश्चिम बंगाल से आने वाले श्रद्धालु अपने पितरों की मुक्ति के लिए मां गंगा से प्रार्थना भी करेंगे। महाकुम्भ को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी के विपरीत, बंगाल के लोगों में इस धार्मिक आयोजन के प्रति जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि जब 60 करोड़ लोग प्रयागराज पहुंच कर पवित्र स्नान कर रहे हैं, तो हम भी पीछे क्यों रहें?