महाकुम्भनगर। सनातन आस्था के परम पवित्र पर्वों में सर्वोपरि महाकुम्भ-2025 (Maha Kumbh) आस्था, भक्ति, शांति, मुक्ति, पुण्य प्राप्ति के साथ ही कई मायनों में विशिष्ट महाआयोजन बन गया है। यही कारण है कि प्रतिदिन दिग्गजों का प्रयागराज मेला क्षेत्र तांता लगा ही रहता है जो त्रिवेणी संगम में स्नान कर और तीर्थराज प्रयागराज की सकारात्मकता को आत्मसात कर अभिभूत हो जाते हैं। ऐसी ही अनुभूति मंगलवार को साउथ फिल्म इंडस्ट्री के पावर स्टार के रूप में प्रख्यात प्रसिद्ध एक्टर, जनसेना पार्टी के सुप्रीमो तथा आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण (Pawan Kalyan) को भी हुई जिन्होंने त्रिवेणी संगम में स्नान कर खुद का जीवन धन्य माना।
महाकुम्भ को मानवीय एकता का महान अवसर करार देते हुए पवन कल्याण (Pawan Kalyan) ने कहा कि हम भाषा या संस्कृति के तौर पर अलग हो सकते हैं, मगर हमारा धर्म एक है। हम सनातनी हैं और हर सनातनी के लिए महाकुम्भ सबसे बड़ा क्षण होता है। पवन कल्याण ने महाकुम्भ में योगी सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की तारीफ करते हुए सीएम योगी को शुभकामनाएं भी दीं।
कल्याण (Pawan Kalyan) बोलेः यहां आना कई दशकों से मेरी सबसे बड़ी इच्छा
महाकुम्भ के अवसर पर त्रिवेणी संगम में स्नान कर अभिभूत दिखे पवन कल्याण (Pawan Kalyan) ने कहा कि मैने 16-17 वर्ष की उम्र में एक बार एक योगी की आत्मकथा पढ़ी थी, तभी से कुम्भ को लेकर मेरे मन में एक सहज आकर्षण था। वैसे तो मैं यहां पहले भी आया हूं, मगर महाकुम्भ के अवसर पर स्नान करना पिछले कई दशकों से मेरी सबसे बड़ी इच्छा रही जो आज जाकर पूरी हुई।
उन्होंने (Pawan Kalyan) कहा कि महाकुम्भ एक महा आयोजन है, कल्पना कीजिए देश की आधी से ज्यादा हिन्दू आबादी यहां आकर स्नान कर रही है। यह सनातनी आस्था का विश्वास ही है जो कि शताब्दियों से इस महाआयोजन के रूप में अनवरत जारी है। हमारी विरासत की तथा सनातन धर्म की महानता है कि इस प्रकार का वृहद और शांतिपूर्ण आयोजन जनविश्वास के आधार पर इतनी भव्यता और दिव्यता के साथ होता रहा है।
महाकुम्भ (Maha Kumbh) है दिव्य अनुभूति का माध्यम
महाकुम्भ के महात्म के बारे में पवन कल्याण ने कहा कि यह सनातन धर्म के सबसे बड़े क्षणों में शुमार है। यह एक ऐसा क्षण है जब ऋषि, मुनि, योगी, सिद्धों समेत सभी सकारात्मक शक्तियों का समागम होता है। यह वह क्षण है जब आप दिव्य अनुभूतियों को अनुभूत कर सकते हैं। निश्चित तौर पर, यह जीवनपर्यंत स्मृतियों में कैद हो जाने वाला क्षण है। धर्म के विभिन्न परंपराओं, शैलियों, पद्धतियों और मान्यताओं को मानने वालों का मिलन होता है जो अपने आप में एक सुखद अनुभूति है।
भारत की आत्मा एक ही है, महाकुम्भ में होता है भारत की आत्मा का साक्षात्कार
उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा एक ही है और महाकुम्भ एक ऐसा क्षण होता है जब आप यहां आकर भारत की आत्मा को अनुभूत कर सकते हैं। महाकुम्भ में व्यापक स्तर पर हुई व्यस्थाओं को लेकर उन्होंने सीएम योगी और स्थानीय प्रशासन की सराहना करते हुए शुभकामनाएं भी दीं।