अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

हिसार। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh) को ज्ञापन सौंपकर नर नील गाय को मारने वाला फैसला वापिस लिए जाने की मांग की है। टीटीसी में कृषि दर्शन एक्सपो का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री को सभा ने नील गाय का स्मृति चिन्ह व अपना मांग पत्र दिया। जवाब में मुख्यमंत्री (CM Nayab Singh) ने कहा कि मैं आपकी भावनाएं समझता हूं।

अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कड़वासरा व हिसार जिला प्रधान चन्द्र सिंह सहारण के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने ये ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में उपरोक्त दोनों पदाधिकारियों के अलावा अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के राष्ट्रीय संयोजक धर्मसिंह खीचड़, उपाध्यक्ष विनोद खिलेरी मल्लापुर, जिला फतेहाबाद प्रधान राधेश्याम सरपंच गांव नागपुर, जिला बार एसोसिएशन हिसार के प्रधान एडवोकेट विनय बिश्नोई, जिला बाहर एसोसिएशन हिसार के पूर्व प्रधान एडवोकेट मनदीप बिश्नोई, खंड आदमपुर जीव रक्षा अध्यक्ष कृष्ण राहड़ व गांव काजला से सीताराम सहारण शामिल थे।

जिला प्रधान चन्द्र सिंह सहारण ने रविवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को ध्यान से सुना और कहा कि मामला सरकार के संज्ञान में है, हम जनभावना के अनुरूप ही कार्य करेंगे और अधिकारियों को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद सभा पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री (CM Nayab Singh) को नील गाय का फोटो लगा स्मृति चिन्ह दिया और कहा कि ये बोल नहीं सकते हम बोल सकते हैं। इस पर मुख्यमंत्री भी हंसे बिना नहीं रह सके और हंसते हुए बोले कि मैं आपकी बात अच्छे से समझ गया।

प्रदेश अध्यक्ष विनोद कड़वासरा ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक, हरियाणा सरकार से बात की है। वन संरक्षक ने जानकारी दी कि 07 नवंबर 1996 को उस समय सरकार द्वारा इस तरह का आदेश जारी किया गया था। इसके बाद अब सरकार द्वारा नया कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के पदाधिकारियों ने हरियाणा सरकार का इस मामले में तुरंत संज्ञान लेने व गंभीरता से विचार करने पर संपूर्ण समाज एवं वन्य जीव प्रेमियों की ओर से आभार जताया है। सभा पदाधिकारियों के अनुसार इस संबंध में जल्द ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक होगी जिसमें राज्य के कुछ इलाकों में नीलगायों की अधिक संख्या होने के कारण समस्याग्रस्त किसानों को राहत देने के लिए मारने की अनुमति के अलावा अन्य मानवीय समाधानों व मुआवजा इत्यादि देने जैसे विकल्पों पर विचार होगा।

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