अब इंतजार हुआ खत्म, उत्तराखंड में इस दिन से लागू हो जाएगी समान नागरिक संहिता

UCC will be implemented in Uttarakhand from January 26

देहारादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के देहरादून दौरे से एक दिन पहले 27 जनवरी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने वाली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) उसी दिन दोपहर 12:30 बजे सचिवालय में यूसीसी पोर्टल का उद्घाटन करेंगे। सूत्रों का कहना है कि कार्यान्वयन की पुष्टि करने वाली एक अधिसूचना भी 27 जनवरी को जारी की जाएगी। उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला राज्य होगा।

सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) के सचिव शैलेश बगोली की ओर से सभी विभागों को पत्र भेजा है। इस पत्र में समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही गई है।

बता दें कि सीएम धामी (CM Dhami) ने विधानसभा चुनाव से पहले 12 फरवरी 2022 को यूसीसी की घोषणा की थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा का बहुमत मिला और मुख्यमंत्री बनने के साथ ही पहली बैठक में सीएम धामी ने यूसीसी लाने के फैसले का ऐलान किया।

धामी (CM Dhami) ने मई 2022 में विशेषज्ञ समिति का किया था गठन

सीएम धामी (CM Dhami) के निर्देश पर मई 2022 में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया। यह समिति सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में नबी थी। समिति को ऑफलाइन और ऑनलाइन लगभग 20 लाख सुझाव प्राप्त हुए और करीब 2.50 लाख लोगों से सीधा संवाद किया।

विशेषज्ञ समिति ने 2 फरवरी 2024 को ड्राफ्ट रिपोर्ट मुख्यमंत्री धामी को सौंपी। उसके बाद 6 फरवरी में विधानसभा में UCC विधेयक पेश किया और अगले दिन यह विधेयक विधानसभा में पारित हो गया। उसके बाद राज्यपाल ने विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा, जिसे राष्ट्रपति ने 11 मार्च को मंजूरी दे दी।

20 जनवरी को कैबिनेट ने दी थी मंजूरी

उसके बाद UCC कानून के नियम बनाने के लिए एक समिति बनी और नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने अंग्रेजी और हिंदी दोनों संस्करणों में 18 अक्तूबर 2024 को राज्य सरकार को नियमावली सौंप दी थी। 20 जनवरी 2025 को नियमावली को धामी की कैबिनेट ने मंजूरी दी और अब इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है।

राज्य में UCC लागू हो जाने के बाद सभी धर्म और समुदायों के लोगें में तलाक, विवाह, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक ही कानून होंगे। इसके साथ ही 26 मार्च 2010 के बाद से हर दंपती को शादी और तलाक का पंजीकरण कराना जरूरी होगा। यदि कोई पंजीकरण नहीं करता है तो अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि कोई पंजीकरण नहीं कराता है तो उसे सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेगी। इसी तरह से यूसीसी में कई और भी प्रावधान किए गये हैं।

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