लखनऊ। भगवान भास्कर के उपासना के महापर्व छठ (Chhath Puja) पर शुद्धता और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। सूर्याेपासना के इस पर्व पर प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में ‘स्वच्छ घाट प्रतियोगिता’ (Swachh Ghat Competition) का आयोजन किया जा रहा है। नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि घाट से लेकर गलियों तक की सफाई व्यवस्था और सुंदरीकरण उत्कृष्ट श्रेणी का बनाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध पेयजल, स्नान घर, मोबाइल टॉयलेट/पोर्टेबल टॉयलेट, चेजिंग रूम आदि की व्यवस्था की जा रही है। स्वच्छ घाट प्रतियोगिता के तहत घाट को ‘नो प्लास्टिक जोन’ व जीरो वेस्ट इवेंट में बदला जाए।
मंत्री शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि प्रदेश की निकायों में 05 नवम्बर से 09 नवम्बर तक ‘स्वच्छ घाट’ प्रतियोगिता (Swachh Ghat Competition) का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत छठ पूजा (Chhath Puja) के लिये घाटों व सभी संपर्क मार्गाे पर साफ-सफाई व सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है। इस दौरान घाटों के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत का कार्य तथा पूजा स्थलों पर एलईडी वॉल आदि के माध्यम से स्वच्छता संबंधी संदेशों को दर्शाया जायेगा। निकायों द्वारा दिन में न्यूनतम दो बार घाटों की समुचित साफ-सफाई करायी जाएगी। सफाई के समय एकत्र किये गये कूड़े को उसी समय सेनेट्री लैण्ड फिल साइट पर अथवा उचित स्थान पर भिजवाया जाये। उन्होंने निकायों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी दशा में एकत्र किये गये कूड़े अथवा सिल्ट को घाट/सड़क पर नहीं छोड़ा जाये। छठ पूजा के घाटों व घार्मिक स्थलों के आस-पास कोई खुला डम्पिंग स्थल, जीवीपी व सीटीयू न हो व ठोस अपशिष्ट का प्रवाह नदियों में न किया जाए।
श्रद्धालुओं के लिए घाट (Ghat) के पास स्नान घर, मोबाइल टॉयलेट/पोर्टेबल टॉयलेट, समुचित पेयजल व चेजिंग रूम की व्यवस्था की जाएगी एवं इससे सम्बंधित संदेश के बोर्ड भी स्थल पर स्थापित कराये जाएंगे। उपयोग के उचित संदेश सहित हरे और नीले रंग के कूड़ेदान को घाटों के आस-पास रखा जाएगा। घाट स्थलों के आस-पास स्वच्छता एवं साफ-सफाई के संबंध में जागरूकता सम्बंधी निर्देशों को बोर्ड पर भी लगाया जाएगा। पूजा स्थलों की साफ-सफाई, अपशिष्ट संग्रहण हेतु जिलाधिकारी से समन्वय करते हुए उनके निर्देशों के अनुसार अलग-अलग शिफ्ट में कर्मचारियों व वाहनों को निकायों द्वारा लगाया जाएगा। घाट के आस-पास कचरा संवेदनशील स्थलों की पहचान करते हुए उनकी सुन्दरता हेतु पौधरोपण आदि के माध्यम से सौन्दर्यीकरण कराया जायेगा।
उन्होंने (AK Sharma) कहा कि घाटों (Ghats) के आस-पास रेड एवं येलो स्पॉट को चिन्हित करते हुए चेतावनी संदेश स्थापित कराया जाए एवं नजदीकी टॉयलेट की दूरी भी दर्शायी जाए। निकायों द्वारा घाट व पूजा स्थलों के आस-पास स्टॉल की स्थापना की जायेगी, जिससे जिंगल व छोटे वीडियो आदि तथा संबंधित वार्ड की स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति व अन्य चयनित ब्रांड एम्बेसडर्स द्वारा वार्ता के माध्यम से हरे कचरे और नीले कचरे के पृथक्करण, सिंगल यूज प्लास्टिक, स्वच्छ सर्वेक्षण फीडबैक व अन्य स्वच्छता सम्बंधी नागरिक दायित्वों हेतु जागरूक किया जाये।
उन्होंने (AK Sharma) कहा कि छठ पर्व (Chhath Puja) पर साफ-सफाई कूड़े के उठान व प्रबन्धन तथा मार्ग प्रकाश की व्यवस्था भी कराई जाये। मुख्य कार्यक्रम स्थल, तालाबों, घाटों एवं उनके संपर्क मार्गों, रेलवे व बस स्टेशनों आदि के आस-पास साफ-सफाई व प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाये। निकाय के संबंधित यांत्रिकी विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी स्ट्रीट लाइट्स समुचित रूप से कार्य करें, इनकी मरम्मत / अनुरक्षण / खराब पड़े लाइट्स को बदलने की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कर ली जाये। छठ पूजा स्थलों एवं संपर्क मार्गों पर प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाये।
छठ पूजा घाट पर पहुंचे मंत्री एके शर्मा ने साफ-सफाई का लिया जायजा, प्लास्टिक पर रहेगी रोक
उन्होंने (AK Sharma) कहा कि स्वच्छता के प्रति नवाचार गतिविधियों एवं विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम नागरिकों के जुड़ाव हेतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं की स्वच्छता में भागीदारी से श्रमदान के लिए किया जाये। स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों के छात्रों से श्रमदान कराते हुए अभियान के अन्तर्गत घाटों के आस-पास साफ-सफाई व्यवस्था के साथ-साथ स्वच्छता के प्रति जागरुकता हेतु रंगोली प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता आदि करायी जाये। जल भराव वाले स्थानों को चिन्हित करते हुये सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही व पब्लिक एनाउन्समेंट सिस्टम निकायों के घाटों पर जगह-जगह पर स्थापित किए जाए।
मंत्री शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि निकायों द्वारा घाट व धार्मिक एवं पूजा स्थलों पर समुचित अर्पण कलश की स्थापना की जाए। साथ ही घाटों पर आवश्यकतानुसार कुशल तैराक/गोताखोर की भी व्यवस्था जन सहयोग (वॉलंटियर/ स्वैच्छिक संगठन/व्यापार मण्डल/उद्योग मण्डल) के माध्यम से करायी जाये। उन्होंने कहा कि समस्त कार्यों को पूर्ण कराने व कार्यों की निगरानी हेतु कर्मचारी एवं अधिकारियों की रोस्टरवार ड्यूटी लगायी जाए तथा सभी अपने निकाय/जिले पर उपस्थित रहें। घाटों पर कराये गए सुंदरीकरण के कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये, जिससे स्वच्छता के इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को जोड़ते हुए उन्हें जागरूक किया जा सके।