हरियाणा में चुनाव का शोरगुल थमा, सभी दलों ने झोंकी ताकत

Haryana Elections

चंडीगढ़। हरियाणा में 15वीं विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections)  के लिए चल रहा प्रचार गुरुवार की शाम समाप्त हो गया। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत दिखाई। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह, भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री नायब सैनी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने हरियाणा (Haryana) में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया।

प्रचार समाप्त होने तक प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला बना हुआ है। चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरियाणा (Haryana) में जमकर प्रचार किया। प्रचार के दौ भाजपा ने हरियाणा में करीब 150 चुनावी रैलियां की। इनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की 14 रैलियां शामिल हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने ऑडियो ब्रिज के माध्यम से भी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी प्रदेश में छह-छह रैलियों को संबोधित किया। भाजपा ने 40 से अधिक केंद्रीय मंत्रियों को प्रचार के लिए हरियाणा में उतारा। भाजपा ने तीसरी बार सरकार बनाई तो हरियाणा में राजनीतिक रिवाज बदल सकता है।

दूसरी तरफ विपक्षी दल कांग्रेस ने पूरे प्रचार अभियान के दौरान प्रदेश में 70 चुनावी रैलियों का आयोजन किया, जिसमें राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की छह रैलियां व दो रोड शो शामिल हैं। इसके अलावा अंतिम चरण में मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी हरियाणा में दो रैलियों को संबोधित किया। कांग्रेस ने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के अलावा कई राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों को हरियाणा में प्रचार के लिए उतारा। चुनाव प्रचार के शुरू से लेकर समापन तक कांग्रेस गुटबाजी में जूझती रही। कांग्रेस अगर इस बार सत्ता में आती है तो दस साल का बनवास खत्म हो जाएगा।

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हरियाणा (Haryana) में लंबे समय से हाशिए पर चल रही इनेलो ने इस बार बड़ी गंभीरता से चुनाव लड़ा है। पिछले चुनावों के मुकाबले सहयोगी बसपा की सुप्रीमो मायावती ने इस बार प्रदेश में अधिक समय दिया है। कुमारी मायावती ने भी हरियाणा में चार चुनावी रैलियां की। इनेलो को पिछले चुनाव में केवल एक सीट पर जीत मिली थी। इस बार अगर इनेलो की सीटें बढ़ती हैं तो पार्टी फिर से प्रदेश की राजनीति में खड़ी हो जाएगी।

जननायक जनता पार्टी ने इस बार आजाद समाज पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है। पिछले चुनाव में जेजेपी को दस सीटों पर जीत मिली थी। इस जीत को दोहराना जेजेपी के लिए मुश्किल है। बदले हुए हालातों में जेपीपी को इस चुनाव में जो भी मिलेगा वह उसके लिए लाभदायक होगा। जेजेपी की तरफ से दुष्यंत चौटाला तथा आसपा के चंद्रशेखर रावण ने प्रदेश में लगातार रैलियां करके खुद को प्रचार के मुकाबले में बनाए रखा।

दिल्ली व पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल, दिल्ली व पंजाब के मंत्रियों ने हरियाणा में 50 से अधिक रैलियां की हैं। आप हरियाणा में पहले भी चुनाव लड़ चुकी है लेकिन अभी तक खाता नहीं खुला है। प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी का एक प्रत्याशी भाजपा और एक प्रत्याशी कांग्रेस में चला गया।

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