लखनऊ। देश में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है। देश एवं प्रदेश के पेट्रोलियम वैज्ञानिकों एवं बायो केमिकल इंजीनियरों के शोध एवं अनुसंधान की मदद से देश जल्द ही आत्मनिर्भर होने की दिशा में अग्रसर है। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा (AK Sharma) ने शुक्रवार को प्रदेश के जायस, अमेठी, स्थित राजीव गांधी पेट्रोलियम टेक्नोलाजी संस्थान द्वारा अयोजित विद्यार्थी कैमिकल इंजीनियरिंग कॉलेज (स्कॉमकॉन-2024) के उद्द्याटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहें थे। उन्होंने कार्यक्रम को वर्चुवल माध्यम से संबोधित करते हुए यह बात कही।
ए0के0 शर्मा (AK Sharma) ने एक उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी के अपने विगत अनुभवों एवं प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री के अपने वर्तमान अनुभवों को सांझा करते हुये देश एवं प्रदेश में ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा के क्षेत्र में आने वाले समय एवं आवश्यकताओं के अनुरूप महत्वपूर्ण शीर्ष सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थाे के आयात के कारण देश की महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा व्यय होती है। इसको बचाने के लिए सर्वप्रथम स्वदेश में ही नवीन ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा का उत्पादन अतिआवश्यक है। इस सम्बन्ध में उन्होंने कोरोना के समय में किये गये उपायों का उल्लेख करते हुए बताया कि जब कोरोना का आक्रमण हुआ था तब हमारे देश में न कोरोना की वैक्सीन और न ही पीपीटी किट आदि उपलब्ध थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उस आपदा को अवसर में बदलते हुए देश के वैज्ञानिकों का आहवान किया और कुछ ही समय में भारत में ही कोरोना महामारी की दवा का आविष्कार कर लिया गया और बडे पैंमाने पर पीपीटी किट एवं अन्य मेडिकल उपकरणों का बडे पैमाने पर उपलब्ध किया जाने लगा।
एक अन्य उदाहरण देते हुए श्री शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि प्रधानमंत्री पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद श्री मोदी ने रक्षा के क्षेत्र में विदेशों से आयात किया जाने वाले सामानों की सूची तैयार करवाई और उनका देश में ही उत्पादन करने पर बल दिया। इस सूची मंे लगभग 62 प्रकार के उपकरण एवं सामग्रियां शामिल थी, जिसमें सैनिकों की वर्दी, जूते एवं चश्में शामिल थे। रक्षा के क्षेत्र में इसी प्रकार के सुधारों एवं जागरूकता के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड में डिफेंस कारिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इथनॉल जैसें ऊर्जा के नवीन स्त्रोतों के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अग्रणी स्थान पर है।
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उन्होंने बताया कि बायों ईधन के प्रयोग से ग्लोबलवार्मिग एवं जलवायु परिवर्तन जैसी आपदाओं से मानवता की रक्षा हो सकेगी। जलवायु परिवर्तन के विषय में पश्चिमी देशों द्वारा भारत पर अनुचित दबाव डाला जा रहा था, इसके उत्तर में भारत सरकार ने वैश्विक मंच पर क्लाइमेट जस्टिस की अवधारण को प्रस्तुत किया। श्री शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 4000 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है एवं 8000 मेगावाट की परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं।
श्री शर्मा (AK Sharma) ने ऊर्जा एवं नवीकरणी ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्याे का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक देश में 500 गीगावाट बिजली का उत्पादन किया जाने लगेगा और वर्ष 2070 तक भारत शून्य कार्बन प्रदूषण वाला देश बन जायेगा। इस दिशा मंे सौर ऊर्जा एवं वायु ऊर्जा के क्षेत्र में भी निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। इसी श्रंखला में हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है।
ए0के0 शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि देश में सीबीजी (काम्प्रेस्ड बायो गैस) के उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। अपने सम्बोधन में श्री शर्मा (AK Sharma) ने नये एवं युवा उद्यमियों से कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे अवसरों का लाभ उठाये। उन्होने बताया कि प्रदेश में जैव ईधन नीति 2022 एवं हरित हाइड्रोजन नीति की घोषणा की जा चुकी है। इसका लाभ उठाकर देश एवं प्रदेश में नए उद्योगांे एवं स्टार्टअप व्यापार आरम्भ करके अन्य लागों को भी नौकरी एवं अन्य रोजगार देने वाले बने।