बुंदेलखंड और विंध्य में सौर ऊर्जा के उत्पादन की सबसे अधिक संभावना

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा है कि हमारी सरकार अयोध्या, प्रयगराज, वाराणसी और गोरखपुर को सोलर सिटी के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में रिन्यूएबल एनर्जी का बड़ा केंद्र बन सकता है। बुंदेलखंड और विंध्य में सौर ऊर्जा के उत्पादन की सबसे अधिक संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि प्रदेश सरकार लगभग 22000 मेगावॉट के ग्रीन एनर्जी के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है। इसके लिए 23000 एकड़ लैंड बैंक प्रदेश के यूपीनेडा ने चिन्हित कर लिया है। यही नहीं, प्रदेश सरकार सौर एवं जैव ऊर्जा नीति-2022 और ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2024 के क्रम यह अभियान युद्ध स्तर पर आगे बढ़ा रही है।

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि अन्नदाता किसानों के लिए प्रदेश में नहरों का बड़ा संजाल उपलब्ध है। विगत साढ़े सात वर्ष में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से 23 लाख हेक्टेयर भूमि को नहरों के माध्यम से अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा दे रहे हैं। इनका उपयोग भी हम सौर ऊर्जा के उत्पादन में कर सकते हैं, जो अतिरिक्त ऊर्जा के उत्पादन में हमारे लिए मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि जैसे अवाडा ग्रुप ने बुंदेलखंड के बांदा में सोलर प्लांट और प्रदेश में सोलर पैनल के निर्माण के प्लांट को स्थापित करने में रुचि दिखाई है, ऐसे ही अवाडा ग्रुप को प्रदेश के अंदर इस क्षेत्र में अन्य संभावनाओं की दिशा में कार्य करने की जरूरत है।

सीएम योगी की मौजूदगी में मिलेंगे 70 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि हमें प्रदेश के अंदर 60 हजार सोलर मित्र बनाने हैं। इसके तहत प्रदेश में 6 हजार सोलर मित्रों की ट्रेनिंग हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बुंदेलखंड अक्षय ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है। इससे एक तरफ जहां रोजगार और नौकरी के अवसर उपलब्ध होंगे। वहीं, दूसरी तरफ परम्परागत ऊर्जा के माध्यमों पर हमारी निर्भरता भी कम होगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) , ऊर्जा के राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर, बांदा से जलशक्ति के राज्य मंत्री रामकेश निषाद, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और अवाडा ग्रुप के प्रमुख विनीत मित्तल मौजूद थे।

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