उप्र में निवेश को धरातल पर उतारने के योगी सरकार के प्रयासों का दिख रहा असर

लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) प्रदेश में निवेश को धरातल पर उतारने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। फरवरी 2024 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 (GBC 4.0) में परियोजनाओं के शुभारंभ के 5 माह के अंदर प्रदेश में 1.14 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने विपक्षी सदस्य के सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC) में कुल 14701 परियोजनाओं में 10 लाख 81 हजार करोड़ रुपए के निवेश धरातल पर उतारने की कार्रवाई की गई थी। इसमें 34 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होने की संभावना है। जीबीसी 4.0 में शुभारंभ के बाद से अब तक 3984 परियोजनाओं का वाणिज्यिक संचालन प्रारंभ हो चुका है, जिसमें कुल एक लाख 14 हजार 345 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। उन्होंने कहा कि निवेश एक सतत प्रक्रिया है। सीएम योगी के नेतृत्व में जो लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था में सुधार हुआ है, उसके चलते देश और विदेश के बड़े निवेशक उत्तर प्रदेश में अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए लालायित हैं।

सेक्टर वार निवेश

सेक्टर प्रोजेक्ट्स निवेश (करोड़ रुपए में)

एग्रीकल्चर 483 5895

एनर्जी 07 8123

हेल्थ 226 2248

आईटी/आईटीईएस 03 73

मैन्युफैक्चरिंग 1742 61622

सोशल 765 7531

टूरिज्म 72 1309

अर्बन एंड इंफ्रा 463 21205

अन्य 183 6339

टोटल 3984 114,345

यूपी छोड़कर नहीं गई है सैमसंग की यूनिटः सुरेश खन्ना

प्रदेश के इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट के साथ ही सैमसंग की यूनिट के यूपी से कर्नाटक शिफ्ट होने के सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि हमारा इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट 22.09 है जो भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन की रिपोर्ट के आधार पर निर्धारित किया गया है। यह प्रदेश की बेहतर फाइनेंशियल प्रोग्रेस को प्रदर्शित करता है।

वहीं, सैमसंग की इंडस्ट्री के विषय में जो सवाल पूछा गया है, ऐसा लगता है कि सदस्य को इसके बारे में सही जानकारी नहीं है। जब भी कोई कंपनी निवेश करती है तो उसके डायरेक्टर्स के बीच में रिजॉल्यूशन तय किया जाता है। यहां पर सैमसंग की मोबाइल डिस्प्ले लगाने की जो इंडस्ट्री लगी थी वो आज भी फंक्शनल है और बड़े पैमाने पर उसमें प्रोडक्शन चालू है। इकाइ लगाते समय कंपनी के साथ जो भी कमिटमेंट किया गया था और जिस बात के लिए उनसे सहमति हुई थी, उसका इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। जितना भी जीएसटी का मामला था वो निस्तारित हो गया है। कंपनी उत्तर प्रदेश छोड़कर नहीं गई है। बाकी कहां निवेश करना है, कहां निवेश का विस्तार करना है ये कंपनी अपने व्यापार के अनुकूल तय करती है।

प्रदेश में 6 माह के अंदर नष्ट की गई 3.5 लाख किलो प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक

प्रदेश में प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक से संबंधित एक सवाल के जवाब में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने सदन में बताया कि पूरे प्रदेश में विगत 6 माह में 3.5 लाग किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक को रद किया गया है। वहीं, प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का निर्माण व बिक्री करने वालों से 2.27 करोड़ रुपए का जुर्माना भी वसूला गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रदेश में पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।

वर्तमान में ऐसी कोई औद्योगिक इकाइ प्रदेश में नहीं है जो प्रतिबंधित प्लास्टिक का निर्माण या बिक्री कर रही हो। इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा निरंतर छापेमारी की कार्यवाही भी की जा रही है। उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि यदि किसी सदस्य द्वारा इस तरह की इकाइ के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है तो उस इकाइ पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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