लखनऊ। जवाहरपुर तापीय परियोजना ( Jawaharpur Thermal Plant) की 660 मेगावाट की यूनिट-दो भी बिजली उत्पादन के लिए पूरी तरह तैयार है। शुक्रवार को इस यूनिट के जेनरेटर, टरबाइन को ग्रिड से जोड़ (सिंक्रोनाइज) कर दिया गया। 27 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी किया गया। बताया जा रहा है कि एक महीने के अंदर इस इकाई से पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन शुरू होने लगेगा।
अगले कुछ दिनों तक नियमित बिजली उत्पादन और लगातार 72 घंटे तक पूरी क्षमता से सफलतापूर्व बिजली उत्पादन लिए जाने के बाद शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन द्वारा इस इकाई को कामर्शियल उत्पादन से जोड़े जाने की घोषणा कर दी जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने इस इकाई के सफलतापूर्वक सिंक्रोनाइज किए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन के नेतृत्व में इंजीनियरों तथा अन्य कार्मिकों के प्रयासों से यह सफलता मिली है। प्रदेश की अपनी तापीय परियोजनाओं से बिजली की उत्पादन क्षमता जो अब तक 7140 मेगावाट है इस इकाई के पूरी तरह उत्पादन से जुड़े जाने पर 7800 मेगावाट हो जाएगी।
जुलाई में ही और दो इकाईयों को उत्पादन से जोड़ने की है तैयारी
उत्तर प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम ने जुलाई में 660 मेगावॉट की जवाहरपुर ( Jawaharpur Thermal Plant) यूनिट-दो, 561 मेगावॉट की घाटमपुर यूनिट-एक तथा 660 मेगावॉट की पनकी की एक इकाई से उत्पादन शुरू कर दिए जाने की तैयारी की थी। जिसमें से जवाहरपुर यूनिट-दो को कामर्शिलय उत्पादन शुरू करने से पहले सिंक्रोनाइज कर दिया गया है।
अगस्त 2027 से पहले इन नई इकाईयों से उत्पादन शुरू करने की है तैयारी
अगस्त 2027 से पूर्व और सात नये तापीय उत्पादन इकाईयों से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिए जाने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है। इन सभी से उत्पादन शुरू हो जाने पर प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता में सीधे 5255 मेगावाट की वृद्धि हो जाएगी।
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660 मेगावॉट की ओबरा-सी यूनिट-दो सितंबर 2024 तक, 561 मेगावॉट की घाटमपुर यूनिट-दो दिसंबर 2024 तक, 561 मेगावॉट की घाटमपुर यूनिट-तीन मार्च 2025 तक, 396 मेगावॉट की खुर्जा एसटीपीपी यूनिट-एक और 396 मेगावॉट की यूनिट-दो मई 2025 तक, 400 मेगावॉट की सिंगरौली स्टेज थ्री यूनिट-एक अगस्त 2027 तक तथा 400 मेगावॉट की सिंगरौली स्टेज थ्री यूनिट-दो को अगस्त 2027 तक उत्पादन से जोड़ देने की तैयारी है।