हाथरस। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) बुधवार को हाथरस (Hathras) पहुंचे। उन्होंने यहां सत्संग हादसे (Satsang Incident) में घायल होने वाले लोगों से मुलाकात की। बता दें कि यूपी के हाथरस में एक दिन पहले ही मंगलवार को ‘भोले बाबा’ के सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में 28 लोग घायल हो गए।’
बता दें कि हाथरस हादसे (Hathras Accident) में एक FIR दर्ज कराई गई है। इसके मुताबिक, सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के फुलरई-मुगलगढ़ी के बीच जीटी रोड के पास नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग का आयोजन देवप्रकाश मधुकर और अन्य लोगों ने कराया था। देवप्रकाश हाथरस का ही रहने वाला है और बाबा का मुख्य सेवादार है। आयोजनकर्ताओं ने लाखों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस कार्यक्रम में करीब 80000 की भीड़ इकट्ठा होने की अनुमति मांगी थी। मगर मौके पर लगभग ढाई लाख से ज्यादा श्रृद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई।
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath meets and inquires about the health of the persons injured in the stampede incident, at Hathras government hospital pic.twitter.com/HW5u4q4ziv
— ANI (@ANI) July 3, 2024
एफआईआर में बताया गया कि मौके पर तैनात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भीड़ को सामान्य किए जाने का प्रयास किया जा रहा था। क्योंकि सड़क पूरी तरह से जाम हो गई थी। इसी दौरान कार्यक्रम के मुख्य प्रवचनकर्ता ‘भोले बाबा’ प्रवचन समाप्त होने के बाद गाड़ी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकलने लगे। जिसपर श्रृद्धालुजनों (महिला, पुरुष और बच्चों) द्वारा बाबा की गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरु कर दिया गया। जिसके चलते कार्यक्रम स्थल से निकल रही लाखों श्रृद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ के दबाव के कारण नीचे बैठे, झुके भक्त दबने-कुचलने लगे, जिससे चीखपुकार मच गई।
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FIR के मुताबिक, इसके बाद कार्यक्रम स्थल के पास जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी और कीचड़ में भागती भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिए डंडों से जबरदस्ती रोक दिया गया। जिसके कारण लाखों व्यक्तियों की भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गए।
हाथरस घटना में दोषी कोई भी हो, बचेगा नहीं : योगी आदित्यनाथ
भगदड़ में लगी चोटों से महिलाओं, बच्चों व पुरुषों की स्थति मरणासन्न हो गई। इस घटना में सैकड़ों लोग घायल हो गए, बाद में इनमें से 121 लोगों की मौत हो गई। घायलों को हाथरस, अलीगढ़, एटा आदि के अस्पतालों में उपचार के लिए भिजवाया गया।