लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अल्ट्रा मेगा श्रेणी की विशेष महत्व वाली परियोजनाएं स्थापित करने पर उन्हें सरकार की ओर से केस टू केस कस्टमाइज पैकेज दिया जाएगा। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 (Industrial Investment and Employment Promotion Policy) में इसका प्राविधान किया गया है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग की ओर से इन प्राविधानों में कुछ संशोधन किया गया है। इसके अंतर्गत नोडल संस्था की जगह सीईओ इन्वेस्ट यूपी की अध्यक्षता में गठित कमेटी को ऐसी परियोजनाओं की परीक्षण और विशेष पैकेज की अनुशंसा की जिम्मेदारी दी गई है। इस कमेटी की अनुशंसा के बाद हाई लेवल इम्पावर्ड कमेटी और कैबिनेट की मंजूरी के बाद ऐसी बड़ी परियोजनाओं को कस्टमाइज पैकेज प्रदान किया जा सकेगा।
अनुशंसा पर मंत्रिपरिषद लगाएगी अंतिम मुहर
नीति में किए गए संशोधन के अनुसार औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 (Industrial Investment and Employment Promotion Policy) के अंतर्गत विशेष महत्व की अल्ट्रामेगा श्रेणी की परियोजनाओं को आवश्यकतानुसार राज्य सरकार द्वारा केस टू केस आधार पर प्रोत्साहन का विशेष रूप से कस्टमाइज्ड पैकेज प्रोत्साहन के रूप में प्रदान किए जाने पर विचार किया जा सकता है। नीति के अंतर्गत पहले प्राविधान किया गया था कि इस प्रकार के आवेदन नोडल संस्था को प्रस्तुत किए जाएंगे और आवेदनों की उनकी आवश्यकता एवं विशेष महत्व की दृष्टि से समीक्षा की जाए। इसके लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समझौता समिति गठित की जाएगी, जिसके सदस्य सचिव सीईओ इन्वेस्ट यूपी होंगे।
हालांकि अब इस प्राविधान (Industrial Investment and Employment Promotion Policy) में संशोधन किया गया है। इसके अनुसार अब सीईओ इन्वेस्ट यूपी की अध्यक्षता में गठित कमेटी प्राप्त प्रस्तावों का विशेष महत्व, अल्ट्रा मेगा श्रेणी के विषय पर परीक्षण करेगी। कमेटी विशेष पैकेज प्राप्त कराने की अर्हता के विषय में अनुशंसा कर सकेगी। इन्वेस्ट यूपी की संस्तुति के बाद विभाग द्वारा परीक्षण करते हुए नीति के अंतर्गत गठित हाई लेवल इम्पावर्ड कमेटी की संस्तुति प्राप्त करने की कार्यनाही की जाएगी। इम्पावर्ड कमेटी की संस्तुति के आधार पर मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।
कुछ अन्य प्राविधानों में भी किया गया संशोधन
इसके अतिरिक्त पुराने प्राविधानों में कई अहम बातों का समायोजन किया गया है। जैसे अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, नियोजन के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, वाणिज्य कर विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, पिकप के एमडी, यूपीसीडा तथा आवश्यकतानुसार अन्य प्राधिकरणों के सीईओ और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त या सीईओ इन्वेस्ट यूपी द्वारा नामित सदस्यों वाली समझौता समिति ऐसी परियोजनाओं को विशेष पैकेज दिए जाने के लिए अंतिम स्वीकार्यता हेतु मुख्यमंत्री को संस्तुति करेगी।
नोडल संस्था आवेदक को पावती प्रमाण पत्र जारी करेगी और मेगा श्रेणी के प्रकरणों के लिए परिभाषित प्राविधाों के अनुसार मूल्यांकन प्रक्रिया लागू होगी। इन सभी प्राविधानों को निरसित कर दिया गया है। इसके अलावा नीति में किए गए सभी प्राविधान पूर्व की तरह जारी रहेंगे।