लखनऊ। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान (Communicable Diseases Campaign) की शुरुआत पहली अप्रैल (सोमवार) से हो रही है। 30 अप्रैल तक चलने वाले इस अभियान के दौरान संचारी यानी वेक्टरजनित रोगों को नियंत्रित करने के लिए विविध गतिविधियां चलाई जाएंगी। इसके लिए योगी सरकार ने विभिन्न विभागों को दायित्व सौंपे हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ 12 अन्य विभागों के संयुक्त प्रयास से यह अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने लोगों से भी अपील की है कि अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें। साथ ही उन स्थानों से भी स्वास्थ्य विभाग की टीम को अवगत कराएं, जहां मच्छर पनपते हैं।
इस वर्ष के अंत तक प्रदेश के 15 जिलों को मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य
शासन ने बढ़ते तापमान को देखते हुए वेक्टरजनित और जलजनित रोगों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके तहत गर्मी से संबंधित रोगों के बारे में विभिन्न विभागों के परस्पर समन्वय से प्राथमिकता के आधार पर भीड़ वाले स्थानों पर लोगों के लिए शुद्ध एवं शीतल पेयजल की व्यवस्था के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही गर्मी से बचाव के लिए शेल्टर्स की सुविधा, व्यस्त स्थानों पर मौसम के पूर्वानुमान तथा तापमान का डिस्प्ले करने को कहा गया है। हीट वेब से बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों को विद्यालयों एवं आम जनमानस में भी व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश जारी किये गये हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2025 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य पाने के लिए इस वर्ष 2024 के अंत तक यूपी के 15 जिलों को पूर्ण रूप से मलेरिया मुक्त किया जाना निर्धारित है। यह जिले अमेठी, चंदौली, सहारनपुर, मथुरा, चित्रकूट, महोबा, रायबरेली, मैनपुरी, ललितपुर, बस्ती, गाजीपुर, आजमगढ़, देवरिया, जालौन और अंबेडकरनगर हैं।
प्रदेश के सभी जिलों में 10 अप्रैल से चलेगा दस्तक अभियान
प्रदेश के सभी जिलों में 10 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान (Dastak Abhiyan) भी चलेगा। इसके तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर साफ-सफाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार, इंफ़्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई), फाइलेरिया, काला जार, कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों, कुपोषित बच्चों का नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित सम्पूर्ण विवरण ई–कवच पोर्टल पर अपलोड करेंगी। साथ ही क्षेत्रवार घरों की सूची जहां मच्छरों का प्रजनन पाया गया है। इसका विवरण निर्धारित प्रपत्र पर भरकर संबंधित अधिकारी को उपलब्ध कराएंगी।
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स्वास्थ्य विभाग के साथ 12 अन्य विभागों के संयुक्त प्रयास से संचारी और दस्तक अभियान चलाया जाएगा।
आभा आईडी भी बनेगी
अभियान के दौरान जिलों में आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा आईडी) भी बनाई जाएगी। इससे मरीजों के उपचार करने में सुविधा रहेगी। स्वास्थ्य विभाग के पास यह भी जानकारी रहेगी कि मरीज का किस बीमारी का कब इलाज हुआ है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ अभियान की लगातार मानीटरिंग करेंगे। किस विभाग ने क्या और कितना काम किया, इस पर भी निगाह रखी जाएगी।