नगर विकास विभाग व NGO के बीच हुआ करार, कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए होगा क्षमता संवर्द्धन

Nagar Vikas Vibhag

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग (Nagar Vikas Vibhag) और चिन्तन, गैर सरकारी संगठन (NGO), के बीच आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात (Amrit Abhijaat) तथा सचिव  अजय कुमार शुक्ला की उपस्थिति में बापू भवन सचिवालय स्थित प्रमुख सचिव के कार्यालय कक्ष में समझौता ज्ञापन में निदेशक स्थानीय निकाय नितीन बंसल (Nitin Bansal) तथा एनजीओ की कार्यकारी निदेशक ने हस्ताक्षर किया। इस समझौते का उद्देश्य भावी पीढ़ी के लिए स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना है। इस सहयोग के तहत कई शहरों में वायु प्रदूषण कम करने और कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए क्षमता संवर्धन पर ध्यान दिया जाएगा।

यह सहयोग ज्ञापन आने वाली पीढ़ी के लिए स्वच्छ पर्यावरण के निर्माण की दिशा में कार्य करेगा। नॉलेज पार्टनर के रूप में चिन्तन ठोस अपशिष्ट, प्लास्टिक, ई-कचरा और टायर सहित पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करने वाले सभी कचरे के प्रबंधन में सर्वाेत्तम प्रथाओं को अपनाने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए शमन और अनुकूलन क्षमता संवर्धन करने में सहयोग करेगा

सहयोग के मुख्य उद्देश्य-

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में वायु प्रदूषण, अपशिष्ट प्रबंधन और निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट को कम करने के लिए क्षमता निर्माण करना। ठोस अपशिष्ट, प्लास्टिक कचरा, ई-कचरा और टायर कचरे सहित पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करने वाले सभी कचरे के प्रबंधन में सर्वाेत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करना। जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए शमन और अनुकूलन क्षमता और लचीलापन विकसित करना। प्रासंगिक क्षेत्र में परिणामों और व्यवहार परिवर्तन को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहन, मानदंड, नवाचार और साधनों की पहचान करना।

सहयोग के तहत गतिविधियाँ-

डेटा संग्रह, विश्लेषण और कौशल उन्नयन अनुसंधान, प्रशिक्षण, प्रदर्शन और कार्रवाई के लिए आवश्यक विविध कौशल, शक्तियों और संसाधनों को एक साथ लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

चिंतन की भूमिका-

नगरीय विकास विभाग (Nagar Vikas Vibhag) के सहयोग से प्रदूषण, ठोस, प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक, निर्माण और अन्य कचरे और जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर काम करेगा। वायु, जल, मिट्टी, ध्वनि और प्रदूषण के सभी प्रकारों के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए आवश्यक सभी रूपों पर ध्यान केंद्रित करेगा। सरकार की योजनाओ (जैसे मिशन लाइफ, एनसीएपी, एसबीएम, नमामि गंगे आदि) के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ज्ञान और विशेषज्ञता के माध्यम से समन्वय प्रयास करेगा और आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।

नगरीय विकास विभाग की भूमिका-

संबंधित नगरीय स्थानीय निकाय (Nagar Vikas Vibhag) की नगरीय क्षमता, और सहयोग सुनिश्चित करेगा ताकि आवश्यक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक समर्थन दिया जा सके।

ठोस अपशिष्ट और निर्माण से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए मानदंडों की पहचान करेगा। प्रदूषण और उससे जुड़ी चिंताओं को कम करने के लिए पहचाने गए स्रोतों और अन्य आवश्यक गतिविधियों से प्रदूषण कम करने के लिए नगरीय निकायों के साथ साझेदारी करने की नगर -व्यापी क्षमता और इच्छा का निर्माण करेगा।

यह समझौता ज्ञापन उत्तर प्रदेश के शहरों में वायु और कचरे से होने वाले प्रदूषण को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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