लखनऊ। प्रदेश सरकार राज्य के ऐसे सम्मानित नागरिकों को जो प्रदेश के बाहर देश के किसी अन्य राज्य में या फिर विदेश में प्रवास कर रहे हैं और वे अपनी मातृभूमि व प्रदेश के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं, ऐसे नागरिकों के लिए “उत्तर प्रदेश मातृभूमि अर्पण योजना” क्रियान्वित करने जा रही है। प्रदेश के नगर विकास एवं उर्जा मंत्री ए.के. शर्मा (AK Sharma) ने कैबिनेट बैठक में इस योजना की मंजूरी मिलने के बाद प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से प्रदेश के प्रवासी नागरिकों को एक उचित प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके माध्यम से उन्हें प्रदेश में विकास कार्यों को करने में सहूलियत होगी। साथ ही उत्तर प्रदेश के वे नागरिक जो राज्य के बाहर किसी अन्य प्रदेश में या किसी दूसरे देश में रहते हैं और अपनी मातृभूमि के लिए विकास से जुड़े कार्य करना चाहते हैं, वे इस योजना के तहत सरकार के साथ मिलकर अपनी भावनाओं और जरूरतों के मुताबिक यहां के विकास कार्यों में सहयोग दे सकते हैं।
मंत्री श्री शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि प्रदेश सरकार विकास कार्यों में तेजी लाने के साथ ही आधुनिक तकनीक के प्रयोग से कार्यों में गुणात्मक सुधार पर जोर दे रही है। जैसे कि उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग देश के विभिन्न शहरों व विदेशों में रहकर उन क्षेत्रों में व्यापक विकास कार्य कर वहां की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में अपना योगदान दें रहे हैं। देश के विभिन्न नगरों में निवासरत एवं देश से बाहर रह रहे ऐसे सुविधा सम्पन्न लोग अपनी मातृभूमि व नगर के विकास में भी अपना योगदान देना चाहते हैं, लेकिन कोई व्यवस्थित प्लेटफार्म उपलब्ध न होने की वजह से वांछित स्तर का सहयोग व योगदान प्रदान नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे लोगों का विकास कार्यों में सहयोग लेने के लिए ही प्रदेश सरकार ने “उत्तर प्रदेश मातृभूमि अर्पण योजना” के क्रियान्वयन के लिए कदम बढ़ाया है।
उन्होंने (AK Sharma) कहा कि यदि कोई व्यक्ति या निजी संस्था किसी नगरीय निकाय में विकास कार्य, अवस्थापना सुविधाओं के विकास कार्यों को कराना चाहते हैं या स्वयं करना चाहते हैं, और कार्य की लागत का 60 प्रतिशत की धनराशि वहन करने को इच्छुक हैं, तो शेष 40 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी, साथ ही निर्धारित आकार व प्रकार का कार्यों का शिलापट्ट व नेम प्लेट सहयोग करने वाले व्यक्ति या संस्था के प्रस्तावानुसार उस भवन अथवा अवस्थापना सुविधा के ऊपर यथोचित स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा। दानकर्ताओं के द्वारा संबंधित कार्य के लिए दान की गई राशि जमा करवाने के 30 दिनों के अंदर संबंधित कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति की कार्यवाही संबंधित जनपद के जिलाधिकारी द्वारा संपन्न कराई जाएगी एवं कार्य की प्रगति की रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई जाएगी। योजना के तहत होने वाले कार्यों की पुनरावृत्ति किसी अन्य योजना के माध्यम से न हो, यह तकनीक के प्रयोग (जियो टैगिंग आदि से) द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही दान की जा रही राशि को योजना के तहत खुलवाए गए एस्क्रो अकाउंट में ही जमा कराया जाएगा।
विकास कार्य का 60 प्रतिशत तक वहन करेंगे विकासकर्ता
नगर विकास मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि देश या विदेश में रह रहे उत्तर प्रदेश के नागरिक या कोई निजी संस्था प्रदेश के किसी नगरीय निकाय में विकास कार्य, अवस्थापना सुविधा के विकास कार्यों को कराना चाहते हैं तो वह इस योजना के माध्यम से योगदान कर सकते हैं। इस योजना के तहत उन्हें विकास कार्य की लागत की 60 प्रतिशत धनराशि ही वहन करनी होगी, जबकि शेष 40 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। यही नहीं दानकर्ता या संस्था का नाम राज्य सरकार द्वारा निर्धारित आकार के शिलापट्ट/प्लेट पर प्रस्तावानुसार उस भवन या अवस्थापना सुविधा के ऊपर उचित स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा।
देश और विदेश में किया जाएगा योजना का प्रचार
मंत्री शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए व्यापक स्तर पर पूरे देश एवं विदेशों में भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न देशों में स्थित भारतीय दूतावासों का सहयोग लिया जाएगा तथा जिलाधिकारियों के माध्यम से उनके जनपद के देश के विभिन्न प्रदेशों एवं विदेश में रहने वाले लोगों को पत्र भेजकर इस योजना के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। यही नहीं, 26 जनवरी, 15 अगस्त एवं 02 अक्टूबर जैसे राष्ट्रीय पर्वों के दौरान आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों तथा अन्य सरकारी कार्यक्रमों में ऐसे लोगों को मुख्य अतिथि के रूप में अमंत्रित किया जाएगा। इस योजना के प्रचार-प्रसार के लिए अन्य विकल्पों पर भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
नगर विकास मंत्री शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग देश के विभिन्न शहरों में व विदेशों में कार्यरत हैं। देश के विभिन्न नगरों में निवासरत एवं देश से बाहर गए सुविधा संपन्न लोग अपने नगर के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं, लेकिन कोई व्यवस्थित प्लेटफार्म उपलब्ध न होने की वजह से वांछित स्तर का सहयोग व योगदान प्रदान नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए ही इस योजना का शुभारंभ किया गया है।
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उन्होंने बताया कि नगरीय निकायों में कार्य करने के लिए एक वृहद कार्य क्षेत्र मिला हुआ है। यह भी ज्ञात है कि इन समस्त कार्य क्षेत्रों में प्रभावी विकास करने के लिए और आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के सृजन के लिए अगर शासकीय धन व योजनाओं के साथ-साथ निजी सहभागिता को बढ़ाया जाए तो कार्य में तेजी आ सकती है। कार्य तेज गति से होने के साथ-साथ उसमें गुणात्मक सुधार और नए तकनीकी व विचार का समावेश भी हो सकता है। निजी निवेश, तकनीकी सहयोग एवं सुपरविजन उपलब्ध होने से कार्यों की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी होगी।