प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बायजू (Byjus) के संस्थापक बायजू रविंद्रन (Byju Ravindran) के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है।
इससे पहले रवीन्द्रन (Byju Ravindran) के खिलाफ एलओसी “ओन इंटिमेशन” जारी किया था। जिसमे इमीग्रेशन अधिकारी किसी के बाहर जाने की जानकारी कंसर्न ऑथोरिटी को देते है, लेकिन इसे देश छोड़ने से नही रोका जाता। अब एलओसी खुलने के बाद रवीन्द्रन देश छोड़ कर नही जा सकते।
दरअसल ईडी बायजूस (Byjus) क़े खिलाफ फेमा के तहत जाँच कर रही है। कंपनी पर 2200 करोड़ रुपए विदेशों से पैसा लेने का आरोप है।साथ ही आरोप यह भी लगाया गया है कि कंपनी ने अवैध तरीके से 9 हजार करोड़ रुपये भी बाहर भेजा। दरअसल कंपनी ने साल 2021 के नंबर में विदेशी बाजार से करीब 1।2 अरब डॉलर का लोन जुटाया था। इसके करीब 8 महीने बाद कंपनी ने कहा कि उसके ऑडिटेड रिजल्ट में देरी हो रही है। तब अगस्त में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी से वित्तीय परिणाम भेजने में 17 महीने की देरी का कारण पूछा। यहां से कंपनी की मुश्किलें बढ़नी शुरु हो गई।
ऐसे बढ़ती गई मुश्किलें
एक दौर ऐसा था जब बायजूस (Byjus) को देश की सबसे सफल स्टार्टअप्स में गिना जाता था। अब कंपनी अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। लगातार विवादों में घिरने के बाद विदेशी मुद्रा के लेन देन की जांज ईडी के हवाले की गई। यहां के बायजूस के विदेशी फंडिंग की जांज होनी शुरू हो गई। दरअसल कंपनी पर मनी लॉन्ड्रिंग के पैसों के हेरा-फेरी करने का आरोप है।
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हालत यह हो गई कि कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन (Byju Ravindran) को अपनी पेरेंट कंपनी के एम्प्लॉईज की सैलरी देने के लिए खुद की और परिवार की संपत्ति गिरवी रखनी पड़ी है, ताकि 100 करोड़ रुपए का लोन ले सकें। वह अपने सारे शेयर भी गिरवी रख चुके हैं। अब कंपनी के निवेशकों को भी डर सता रहा है कि कंपनी ने उनके निवेश का क्या होगा।