रेडियो में बनाना चाहते है करियर, यहां जानें सफल जॉकी कैसे बने

Radio Jockey

देश के मशहूर रेडियो (Radio) प्रेजेंटर अमीन सयानी का 91 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया है। उन्हें रेडियो के सुनहरे युग की आवाज माना जाता है। अमीन सयानी का ‘नमस्कार भाइयों और बहनों’ कहकर रेडियो प्रोग्राम शुरू करने का अंदाज कितने ही लोगों के दिमाग में दर्ज है। उनके शो को सुनकर ही कई लोगों की रेडियो इंडस्ट्री में दिलचस्पी बढ़ी थी। आइए जानते हैं कि कैसे रेडियो इंडस्ट्री में अपना करियर बना सकते हैं।

रेडियो (Radio) में करियर बनाने के लिए एक उम्मीदवार को कुछ स्किल्स और बेसिक नाॅलेज की जरूरत होती है। रेडियो कोर्स में अंडरग्रेजुएशन या मास कम्युनिकेशन में बैचलर डिग्री करने से फायदा मिलता है। भारत में कई प्रतिष्ठित सरकारी और गैर-सरकारी काॅलेजों से आप रेडियो में डिग्री हासिल कर सकते हैं।

रेडियो इंडस्ट्री (Radio Industry) में शुरूआत कैसे करें?

रेडियो जॉकी बनने के लिए आपको इस इंडस्ट्री की नाॅलेज होनी चाहिए। इस फील्ड को बेहतर समझने के लिए आप मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन, पोस्ट-ग्रेजुएशन या डिप्लोमा कर सकते हैं। डिग्री के अलावा आपको फील्ड एक्सपीरियंस की भी जरूरत होगी। प्रैक्टिकल एक्सपिरियंस के लिए आप रेडियो स्टेशन में इंटर्नशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं। कुछ इंस्टीट्यूट अपने कैंपस में रेडियो कंपनियों को प्लेसमेंट के लिए बुलाते हैं। जैसे-जैसे कोई अपनी कला में बेहतर होता जाता है, उसकी इस इंडस्ट्री में तरक्की होती रहती है।

कौन से गुण एक सफल रेडियो जॉकी (Radio Jockey) बनाते हैं?

एक सफल रेडियो जॉकी बनने के लिए इस माध्यम को समझना जरूरी है। रेडियो कलाकारों के लिए जरूरी है कि उनकी आवाज सुनने में आसान, स्वाभाविक हो और हर शब्द स्पष्ट हो। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए, जो आम जनता को समझ आता हो। भारी-भरकम या टेक्निकल शब्दों का इस्तेमाल करने से श्रोताओं को बात समझ नहीं आती।

रेडियो की आवाज के जादूगर अमीन सयानी का निधन, 91 साल में ली अंतिम सांस

आमतौर पर स्टूडेंटस मानते हैं कि रेडियो के लिए भारी आवाज का होना जरूरी है। लेकिन स्टूडेंटस के लिए अपनी आवाज को समझना और बेहतर तरीके से जानना बेहद जरूरी है। रेडियो प्रसारण में ध्यान रखने वाली बात है कि सुनने वाली ऑडियंस आपके हाव-भाव नहीं देख सकती। इसलिए खबर की गंभीरता या किसी भी भाव को समझाने के लिए रेडियो प्रेजेंटर को अपनी आवाज का सहारा लेना पड़ता है। अगर कोई अच्छी खबर बतानी है, तो उसे गंभीर टोन में बताने से खबर का प्रभाव नहीं पड़ेगा। रेडियो प्रेजेंटर को देश-दुनिया के मामलों, संगीत और पॉप कल्चर को लेकर अपडेट रहना चाहिए।

रेडियो (Radio) से जुड़े कोर्स के लिए इंस्टीट्यूट

– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली

– जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, मुंबई

– जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली

– मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस (एमआईसीए), अहमदाबाद

– सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पुणे

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