लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार को बजट सत्र के दौरान सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कृषि क्षेत्र के लिए किये गये प्रावधानों की विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां एक ओर कृषि का दायरा बढ़ा है वहीं दूसरी तरफ प्रोक्योरमेंट पॉलिसी के अंतर्गत बिचौलियों को खत्म किया गया है और किसानों से सीधी खरीद की प्रकिया शुरू किया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि 22 साल में गन्ना किसानों को 2 लाख 3 हजार करोड़ का भुगतान हो पाया था, जबकि पिछले 7 साल में 2 लाख 33 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में प्रदान की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने सदन को बताया कि किसानों की मांग के अनुरूप गन्ने के प्रति क्विंटल दामों में भी वृद्धि की गई है। कोरोना काल में भी चीनी मिलों को बंद नहीं होने दिया। सीएम योगी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह साहब के नाम पर राजनीति तो बहुत हुई मगर उनकी सरकार में चौधरी साहब के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए छपरौली चीनी को भी पूरी क्षमता के साथ चलाया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से 2 करोड़ 62 लाख किसानों के खाते में सीधे 63 हजार करोड़ रुपए प्रदान किये गये हैं। हमारे प्रयासों का ही परिणाम है कि प्रदेश में 23 लाख हेक्टेयर लैंड को सिंचाई की अतिरिक्त क्षमता हमने प्राप्त की है।
खेत सुरक्षा योजना, राज्य कृषि विकास योजना के लिए अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया गया है। निजी नलकूप को फ्री में बिजली उपलब्ध कराने के लिए 24 करोड़ की धनराशि का प्रावधान भी इस बजट में किया गया है। ग्लोबल वार्मिंग का असर खेती किसानी पर ना पड़े इसलिए हर ग्राम में ऑटेमेटिक वेदर स्टेशन, ऑटेमेटिक रेन गेज के लिए धन की व्यवस्था की गई है। एग्री टूरिज्म, ऑर्गेनिक कल्चर लैब, टिशू लैब के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। साथ ही साथ 6600 नलकूपों के आधुनिकीकरण की व्यवस्था भी बजट के माध्यम से की गई है।
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मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने बताया कि ये सभी कार्य समयबद्ध तरीके से किये जाएंगे। इससे हमें 1 लाख 33 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त कृषि भूमि प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि नहरों और सरकारी नलकूपों से पानी के लिए धनराशि, पीएम कुसुम योजना से सभी ट्यूबवेल पर सोलर पैनल लगाने के लिए 500 करोड़ की व्यवस्था और भू-जलस्तर को मेंटेन करने के लिए बजट में प्रावधान किये गये हैं।
सीएम (CM Yogi) ने कहा कि इस बजट के माध्यम से दुग्ध संघों के सुदृढ़िकरण, नये डेयरी की स्थापना, पशु रोग पर प्रभावी नियंत्रण, मत्स्य पालन के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है।