अवाडा एनर्जी (Avada Energy) को देश की सर्वाजनिक क्षेत्र की एजेंसियों से 1,400 मेगावाट से अधिक की सोलर परियोजनाओं (Solar Projects) का ठेका मिला है। कंपनी ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी SECI, गुजरात ऊर्जा विकास निगम GUVNL और एनटीपीसी द्वारा जारी टेंडर में क्रमशः 421 मेगावाट, 280 मेगावाट और 700 मेगावाट की क्षमता वाली परियोजनाओं का ठेका हासिल किया है।
24 महीने का प्रोजेक्ट: गुजरात और राजस्थान में विकास के लिए प्रस्तावित ये परियोजनाएं भारत में अपने रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के पहुंच का विस्तार करने की कंपनी की प्रतिबद्धता को दिखाती है। इन परियोजनाओं को 24 महीने की समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
अवाडा समूह के चेयरपर्सन विनीत मित्तल ने कहा, \’\’ इसके साथ अवाडा के कैटेगरी में अब डेवलपमेंट के अलग-अलग चरणों के तहत करीब 6 गीगावॉट परियोजनाएं शामिल हैं, जिससे हमारी परिचालन क्षमता करीब 4.1 गीगावॉट हो गई है।\’\’
लाखों ग्रामीण घरों तक बिजली
इन सोलर (Solar) प्रतिष्ठानों से 2.410 मिलियन यूनिट रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) का अनुमानित एनुअल आउटपुट जनरेट होने की उम्मीद है, जिससे देश में 1.72 मिलियन से अधिक ग्रामीण घरों को प्रभावी ढंग से बिजली मिलेगी। इस पहल से प्रत्येक वर्ष 2.24 मिलियन टन की वार्षिक CO2 कटौती होने की उम्मीद है। अवाडा की नजर प्रति वर्ष 15 हजार करोड़ रुपये के ग्रीन एनर्जी निवेश पर है। द फाइनेंशियल एक्सप्रेस के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में विनीत मित्तल ने कहा कि समूह अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी को बढ़ाने के लिए हर साल 15,000 करोड़ का पूंजी खर्च करना चाहता है।
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समूह की योजना 2026 तक अपनी क्षमता 11GW और 2030 तक 30GW तक ले जाने की है। वर्तमान में इसका ऑपरेशनल पोर्टफोलियो 4 GWp (गीगावाट पीक) से अधिक है और अलग-अलग नीलामियों में अतिरिक्त 5 GWp जीता है। बता दें कि पिछले साल अवाडा समूह ने देश में अपने ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया उद्यमों को फंडिंग के लिए कनाडाई निवेशक ब्रुकफील्ड और जीपीएससी से 1.3 बिलियन डॉलर जुटाए थे।