भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज विकेटकीपर एमएस धोनी (MS Dhoni) जिस कंपनी में काम करते हैं, उस पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने छापा मारा है। सूत्रों के मुताबिक, चेन्नई में हेडक्वार्टर वाली सीमेंट कंपनी इंडिया सीमेंट्स ( India Cements ) के दफ्तर पर ED की टीम तलाशी ले रही है। पिछले कई सालों से एमएस धोनी (MS Dhoni) इस कंपनी के साथ जुड़े हैं। असल में इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड ही इंडियन प्रीमियर लीग में 5 बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स की मालिक है।
इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड ( India Cements ) के मालिक एन श्रीनिवासन हैं, जो पूर्व में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही लंबे समय तक तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन में भी श्रीनिवासन का राज चलता रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ED की ये छापेमारी फेमा कानून (FEMA- फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के तहत की जा रही है, जिसका संबन्ध विदेशी पैसे के लेन-देन से है। कंपनी के एमडी एन श्रीनिवासन के घर पर भी ED की टीम मौजूद है।
2008 में खरीदी थी IPL फ्रेंचाइजी
करीब 7700 करोड़ रुपये की मार्केट कैप वाली इंडिया सीमेंट्स ( India Cements ) ने 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई की फ्रेंचाइजी खरीदी थी। तब फ्रेंचाइजी ने इसके लिए 9 करोड़ डॉलर से ज्यादा फीस बीसीसीआई को दी थी। साथ ही पहली ही नीलामी में एमएस धोनी को सबसे ऊंची कीमत पर खरीदकर अपना कप्तान नियुक्त किया था। इसके बाद से ही धोनी इस फ्रेंचाइजी का हिस्सा हैं और टीम के कप्तान रहे हैं।
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चेन्नई के कप्तान के रूप में एमएस धोनी (MS Dhoni) की सफलता और श्रीनिवासन से उनके करीबी संबन्धों के कारण ही 2012 में इंडिया सीमेंट्स में उन्हें एक कर्मचारी के रूप में शामिल कर लिया गया। तब धोनी को कंपनी में वाइस-प्रेजिडेंट (मार्केटिंग) के तौर पर नियुक्त किया गया था। उस वक्त के अपॉइंटमेंट लेटर के मुताबिक, धोनी को तब 43,000 रुपये के बेसिक पे स्केल पर रखा गया था और अलग-अलग भत्तों के साथ उन्हें 1.70 लाख से ज्यादा की मंथली सैलरी मिलती थी।
क्रिकेट से श्रीनिवासन का लंबा रिश्ता
जहां तक कंपनी के मालिक और मैनेजिंग डाइरेक्टर श्रीनिवासन की बात है तो उनका भी क्रिकेट से लंबा रिश्ता रहा है। वो लंबे समय तक तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं। वहीं 2011 से 2013 तक वो बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रहे थे। इसके बाद उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल में कदम रखा था, जहां वो इसके पहले चेयरमैन बने थे। इस पद पर वो 2014 से 2015 तक बने रहे।