गोरखपुर। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद (Maharana Pratap Education Council) के संस्थापक समारोह की अध्यक्षता करते हुए रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि पुस्तक से सिर्फ शिक्षा मिलती है, लेकिन शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है ज्ञानवान बनना। यह ज्यादा महत्वपूर्ण है इसकी शुरुआत कृतज्ञता से होती है।
उन्होंने (CM Yogi) कहा कि कृतज्ञता का भाव अगर मन में है तो वह हमें सदैव सकारात्मक ऊर्जा से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी। इसके साथ परिश्रम का कोई भी विकल्प नहीं हो सकता है। जिस कार्य को आपको करने के लिए दिया जाए, वह समय से पहले पूर्ण करें। अगर आप ऐसा करेंगे तो निश्चित ही सफलता मिलेगी।
शिक्षा से ही दूर की जा सकती है गरीबी
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद (Maharana Pratap Education Council) के संस्थापक समारोह के मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह (Harivansh Singh) ने कहा कि शिक्षा से ही गरीबी दूर की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पहले जो समृद्ध परिवार में जन्म लेता था वही समृद्ध होता था। लेकिन, शिक्षा ने21वीं सदी में इसे बदल दिया। कहा कि शिक्षा ही गरीबी को दूर करने का एकमात्र माध्यम है।
उन्होंने कहा कि तमाम ऐसे उदाहरण है जो गरीब परिवार में जन्म लेने के बाद भी समृद्ध बने है। कहा कि शिक्षा के ही दम पर ही अमेरिका विश्व की महाशक्ति बना है। कहा कि बच्चों को चरित्र का निर्माण शिक्षण संस्था ही करती हैं। कहा कि उत्तर प्रदेश के बच्चे अच्छी तरह से पढ़ सके उसके लिए कार्य हो रहा है।
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महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद (Maharana Pratap Education Council) समापन समारोह के मुख्य वक्ता विधानसभा के सभापति सतीश महाना (Satish Mahana) ने कहा कि किसी व्यक्ति की पहचान उसके समर्पण और सेवा से होती है। जिस धरती पर हम लोगों ने जन्म लिया है वह विश्व गुरु है।
उन्होंने कहा कि हम डिजिटलाइजेशन के युग मे आगे बढ़ रहे हैं। सारी पढ़ाई मोबाइल और टेब हो रही है। लेकिन बच्चों में संस्कार और चरित्र का निर्माण स्कूल में ही हो सकता है। घर में बैठकर पढ़ने से बच्चों की दूरदर्शिता समाप्त हो जाएगी। कहा कि अगर हमें अपने बच्चों को आगे बढ़ाना है तो महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद (Maharana Pratap Education Council) जैसी संस्थाओं का संरक्षण आवश्यक है।