वाराणसी। काशी से पहली बार किसानों के उत्पाद को, किसानों के समूह वाली फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) ने वाराणसी से कृषि उत्पाद सिंघाड़ा (Water Chestnut) को निर्यात किया है। काशी के तालाबों से निकला सिंघाड़ा (Water Chestnut) अब खाड़ी देशों के शेख भी चखेंगे। वाराणसी से पहली बार संयुक्त अरब अमीरात के लिए सिंघाड़ा एक्सपोर्ट हुआ है। योगी सरकार (Yogi Government) की किसानो की आय दोगुना करने का संकल्प, अन्नदाताओं की मेहनत और कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के प्रयासों से पूरा होता दिख रहा है। निर्यात हो रहा सिंघाड़ा वाराणसी के पिंडरा क्षेत्र के सिहोरवा गॉव के किसानों की मेहनत का फल है।
बिचौलियों को बीच से हटा कर किसानों को उद्यमी बनाने का योगी सरकार का सपना धीरे धीरे साकार होता दिख रहा है। किसानों की खून पसीने की कमाई का सही मूल्य मिल रहा है।एपीडा के चेयरमैन अभिषेक देव वर्चुअली फ्लैग ऑफ करके सिंघाड़े के कंसाइनमेंट को रवाना किये। एपीडा के चेयरमैन ने बताया कि काशी के किसानों की उपज किसानो के समूह एफपीओ द्वारा निर्यात किया गया है।
दो एफपीओ नमामि गंगा फॉर्मर प्रोडूयसर कंपनी लिमिटेड एवं इशानी एग्रो फॉर्मर प्रोडूयसर कंपनी लिमिटेड के समूह किसानो की उपज को। वाराणसी के कि एफपीओ बनारस ओर्गानो फॉर्मर प्रोडूयसर कंपनी लिमिटेड सिंघाड़े (Water Chestnut) के कंसाइनमेंट को निर्यात किया है। है जबकि सिंघाड़ा आयात करने वाली यूएआई की कंपनी आइसबर्ग फूडस्टफ ट्रेडिंग एलएलसी है। उन्होंने जानकारी दिया कि वाराणसी के पिंडरा क्षेत्र के सिहोरवा गॉव से 400 किलो सिंघाड़ा का शिपमेंट संयुक्त अरब अमीरात निर्यात किया गया है।
एपीडा के क्षेत्रीय कार्यालय के उप महाप्रबंधक ने बताया कि एपीडा ने पूरे वाराणसी क्षेत्र में 30 से अधिक किसानों और एफपीओ के बीच गोष्ठियां करके उनको अंतरराष्ट्रीय स्तर की मांग , उत्पाद तैयार करने और निर्यात की बारीकियां बताई , साथ ही एपीडा ने आठ अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित की हैं, जिसने निर्यातकों को वैश्विक बाजार में अपने खाद्य उत्पादों को बाजार में लाने के लिए एक मंच प्रदान किया है।कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने वर्ष 2020 में वाराणसी में कार्यालय खोलकर राज्य सरकार की मदद से निर्यात को बढ़ाया है।
एपीडा ने कोरोना काल में अप्रैल 2020 में पहली बार ब्रिटेन हरी मिर्ची भेजी थी। वाराणसी से मुख्यतः खाड़ी देश ,यूरोप,नेपाल,बांग्लादेश आदि देशो को हरी मिर्ची , भिंडी , परवल, हरी मटर, आम, लीची केला, केला का फूल, कुंदरू, अमरुद, आम, अरुवी, सहजन, लौकी, कटहल , अरवी , बैंगन, आंवला , सहजन , खरबूजा, गेंदे का फूल आदि निर्यात हो रहा है।