लखनऊ। अयोध्या में सरयू तट पर बना अंतरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय (International Ram Katha Museum) और आर्ट गैलरी के संचालन, प्रबंधन और रख-रखाव की जिम्मेदारी अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास संभालेगा। सोमवार को संस्कृति विभाग और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के बीच एमओयू हस्तांतरण हुआ। गोमतीनगर स्थित संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस करार के बाद भगवान श्रीराम से जुड़े 1000 से ज्यादा प्राचीन और दुर्लभ वस्तुओं के संग्रह की जिम्मेदारी भी अब न्यास के हाथों आ गई है।
रंगारंग कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
कार्यक्रम में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के मंत्री जयवीर सिंह और श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र विशेष रूप से मौजूद रहे। इसके अलावा श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय, मंदिर निर्माण समिति के सदस्य अनूप कुमार मित्तल, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, संस्कृति विभाग के निदेशक शिशिर और विशेष सचिव राकेश चंद्र शर्मा की मौजूदगी में अंतरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय (International Ram Katha Museum) एवं आर्ट गैलरी के संबंध में समझौता ज्ञापन का आदान प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान विशेष रूप से ढेंढिया लोकनृत्य की प्रस्तुति की गई।
इसके अलावा नमामि रामम् नृत्य नाटिका का आयोजन हुआ। साथ ही अयोध्या शोध संस्थान की पत्रिका ‘साक्षी अंक-59’, लखनऊ की रामलीला विशेषांक एवं कला और संस्कृति में श्रीराम पुस्तक का विमोचन हुआ।
ऐतिहासिक समझौता संस्कृति विभाग के लिए हर्ष का विषय : जयवीर सिंह
इस दौरान प्रदेश सरकार में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह संस्कृति विभाग के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के साथ ऐतिहासिक समझौता हो रहा है। प्रभु श्रीराम से जुड़ी स्मृति, पुरावशेष तथा सन 1992 एवं राम मंदिर निर्माण के समय मिल रहे मूर्ति, शिलालेख, ताम्रपत्र पर लिखे पांडुलिपियां इत्यादी अंतरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय में संरक्षित है। प्रभु श्रीराम से जुड़ी देसी विदेश रामलीलाओं के आभूषण, वस्त्रों का भी संकलन यहां संग्रहित है।
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उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से आम जन मानस को हमारी प्राचीन धरोहर, लोककला, संस्कृति, सभ्यता और विरासत के संरक्षण के लिए सतत कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बीते साल 2.5 करोड़ पर्यटक आए। इस संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। इसके लिए अयोध्या नगरी के सर्वांगीण विकास का कार्य योगी सरकार द्वारा निरंतर किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में क्या है खास
राम कथा संग्रहालय (International Ram Katha Museum) में प्राचीन और दुर्लभ मूर्तियों और महत्वपूर्ण पुरावशेष संग्रहित हैं. इनकी संख्या क़रीब 1000 है. गुप्त और शुंग काल की मूर्तियां और बलुआ पत्थर की प्राचीन मूर्तियां भी यहां रखी हैं। ये मूर्तियां करीब 300-350 साल पहले की बतायी जाती हैं। वहीं अलग-अलग समय के कई प्राचीन सिक्के भी यहाँ संकलित हैं। इसमें कई महत्वपूर्ण पांडुलिपियां हैं। वहीं सोने और चांदी की कई मूर्तियां भी यहां हैं। इसके अलावा लव और कुश की प्राचीन मूर्तियां भी यहां मौजूद हैं। संग्रहालय में राम मंदिर स्थल की खुदाई से प्राप्त कई महत्वपूर्ण अवशेष भी हैं। साथ ही साथ गुमनामी बाबा से जुड़ी कई वस्तुएं भी यहां रखी गयी हैं।
इसके अलावा तकरीबन 1000 किताबों का संकलन भी यहां है। वहीं आर्ट गैलरी में दुनिया भर में श्रीराम से जुड़े कई महत्वपूर्ण वस्तुओं को भी प्रदर्शित किया गया है। पहले अयोध्या के तुलसी स्मारक भवन में इस संग्रहालय (International Ram Katha Museum) की स्थापना की गयी थी। बाद में सरयू तट पर अलग से भवन बना कर इसे स्थानांतरित किया गया जो करीब 13 करोड़ रुपए से तैयार किया गया है।
लगभग 2.8 एकड़ क्षेत्र में निर्मित अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय (International Ram Katha Museum) को श्रीराम ट्रस्ट को सौंपने के बाद उन पुरावशेषों को भी इसमें शामिल किया गया है, जो राम जन्मभूमि पर खुदाई के दौरान मिली हैं। श्रीराम से जुड़े प्राचीन और दुर्लभ साक्ष्यों और वस्तुओं को अब लोग एक ही जगह पर देख पाएंगे।