लखनऊ। ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) की चेतावनी लगता है कुछ विद्युतकर्मियों ने सुनी नहीं थी, तो खामियाजा तो भुगतना ही पड़ेगा…। ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा लगातार विद्युत विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा की बात करते आये हैं। जबसे वे प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बने तभी से विद्युत् विभाग के कार्यों में गति लाने का निष्ठापूर्वक प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश की जर्जर विद्युत् व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त बना रहे, जिससे कि आने वाले समय में निर्बाध विद्युत् आपूर्ति सभी उपभोक्ताओं को मिल सके। ऊर्जा मंत्री जानते है कि कोई भी देश या प्रदेश बेहतर विद्युत् व्यवस्था के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। उत्तर प्रदेश को भी वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए विद्युत् ढांचा को मजबूत करना होगा। साथ ही खपत के मुताबिक उत्पादन भी बढ़ाना होगा। तभी उत्तर प्रदेश सर्वश्रेष्ठ एवं उत्कृष्ट बनेगा।
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा (AK Sharma) का दृष्टिकोण है कि मेहनतकश, सच्चे, ईमानदार, व्यवहार कुशल और कर्तव्यनिष्ठ लोग ही किसी देश या प्रदेश की असली पूंजी है और इन्ही के सच्चे प्रयासों से ही ऊंची से ऊंची उड़ान भरी जा सकती है। ऐसा मानकर ही ऊर्जा विभाग के कार्मिकों को अब तक वह सदाचरण का पाठ पढ़ाते आए है, जिससे कि विद्युत व्यवस्था में सुधार किया जा सके। सुधार की प्रकिया को आगे बढ़ाने के क्रम में ही समय-समय पर वह इसके विरुद्ध आचरण करने वालों पर कार्यवाही भी करते रहे हैं। लेकिन विभाग में कुछ कर्मियों और अधिकारियों की मनमानियों व अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही के चलते विभाग की जो बदनामी हो रही है उससे नाराज़ होकर ऊर्जा मंत्री ने पिछले दिनों विद्युत कार्मिकों को अंतिम चेतावनी दे डाली।
जिसके अंतर्गत उन्होंने पहली सख्त चेतावनी शक्ति भवन में मुख्यालय कर्मियों के यूनियन के पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान दी थी और उन्होंने कहा था कि समझाने-बुझाने का समय अब गया। गलती करने वालों पर अब सख़्त कार्यवाही होगी।
दूसरी चेतावनी उन्होंने गोमतीनगर स्थित नगरीय निदेशालय में आयोजित ऊर्जा विभाग के उच्च अधिकारियों के वर्कशॉप में ग़लत बिल बनाने और समय पर सेवाएं न देने के कई उदाहरण देते हुए दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि विभाग में लापरवाही और भ्रष्टाचार अब नहीं चलेगा। सभी लोग सावधान हो जाएं।
लेकिन, लगता है कि दोनों ही बार खुले मंच से ऊर्जा मंत्री द्वारा दी गयी चेतावनी कुछ विद्युत् कार्मिकों पर बे- असर रही। इसीलिए पिछले कुछ ही दिनों में कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कारवाई की गई। यह कार्यवाही पूरब से लेकर पश्चिम तक की जा रही है।
ऊर्जा मंत्री ने भ्रष्टाचार में संलिप्त विद्युत कार्मिकों पर सख्त करवाई करने के दिए निर्देश
– जिसमें एक तरफ़ ग़ाज़ियाबाद के अधिशासी अभियंता को ग़लत कारणों से लोड न बढ़ाने तथा इसमें हीला-हवाली करने के लिए निलंबित किया गया।
– वहीं दूसरी तरफ़ बहुत ही कुख्यात हो चुके लखनऊ के एक जूनियर इंजीनियर को घूस मांगने पर निलंबित किया गया है।
इतना ही नहीं सम्भव पोर्टल पर सुनवाई के दौरान एक कर्मी की सेवा समाप्त करने का आदेश दे दिया। वहीँ तीन अन्य लोगों पर सख्त कार्रवाई हुई थी।
कुछ विद्युत् कार्मिक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ कार्मिकों द्वारा विभाग के हित में किए जा रहे कार्यों को ही बोझ समझते हैं और अपने बेईमानीपूर्ण कार्यों से विभाग का बंटाधार करने को ही सर्वोपरि मानते है। इसी दृष्टिकोण से ही उन्हें अब सजा भुगतनी पड़ रही।
ए.के. शर्मा (AK Sharma) जहां कर्तव्यनिष्ठ लोगों की अच्छी सेवा के फोटो के साथ उनकी प्रशंसा में ट्वीट कर रहे हैं, वही उनहोंने अब बेईमान अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रति अपना तीसरा नेत्र भी खोल दिया है।
ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने कहा है कि – अब सच्चे का होगा सम्मान… बाक़ी विद्युत कर्मी हो जाएं सावधान…।