नैनीताल। हरेला पर्व (Harela Festival) कुमाऊं मंडल में सोमवार 17 जुलाई को मनाया जाएगा। इससे पूर्व रविवार को ‘हर काली’ पर्व मनाया गया।
परंपराओं के विशेषज्ञ परंपरा संस्था के प्रमुख बृजमोहन जोशी ने बताया कि हर काली में हर शब्द भगवान शिव और काली शब्द माता पार्वती के लिए प्रयुक्त होता है।
9 से 11 दिन पूर्व बोया जाने वाला हरेला पर्व (Harela Festival) के एक दिन पूर्व हर काली के दिन हरेला बोने के लिए ही प्रयुक्त मिट्टी से देवताओं के डिगारे यानी प्रतिमाएं बनाई जाती हैं, और एक दिन पूर्व इन्हें रंगा जाता है।
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हर काली के दिन पंडित इन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करते हैं और इन्हें हरेला चढ़ाया जाता है, जबकि घर के सदस्यों को हरेला एक दिन बाद हरेला के दिन चढ़ाया जाता है।