लखनऊ। प्रदेश में भयंकर गर्मी पड़ रही है। पारा 45-46 के आस पास पहुँच रहा है। ऐसी स्थिति में विद्युत की मांग में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। विद्युत मांग पिछले सभी रिकार्ड तोड़कर 27 हजार से ज्यादा पहुँच रही है। 10 जून को पहली बार विद्युत मांग 26672 मे0वा0 के सापेक्ष आपूर्ति (Power Supply) सुनिश्चित की गयी थी। फिर विगत 13 जून को 27611 मे0वा0 मांग के सापेक्ष विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करके पावर कारपोरेशन ने विद्युत आपूर्ति का नया रिकार्ड बनाया है। प्रदेश के इतिहास में इतनी आपूर्ति कभी नहीं की गयी है।
मानसून का प्रभाव प्रदेश में आनें तक लगभग एक सप्ताह का समय है। ऐसी स्थिति में यह मांग 28000 मेगावाट से ज्यादा तक पहुंच सकती है। उ0प्र0 पावर कारपोरेशन (UPPCL) मांग के अनुरूप उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है।
उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम0 देवराज अध्यक्ष नें कहा है कि उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लगातार अपने सिस्टम को अपग्रेड करनें की कोशिश कर रहा है। भारत सरकार की आर0डी0एस0एस0 योजना प्रारम्भ हो चुकी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के डिस्कामों को गुणवत्ता पूर्ण निर्बाध विद्युत आपूर्ति (Power Supply) किया जाना एवं लाइन हानियां कम करना है। इसमें 35384 करोड़ रूपये से प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के आधुनिकीकरण एवं बेहतरी के लिये खर्च किया जायेगा। योजना के अन्तर्गत 15734.57 किलोमीटर आर्मड केबिल द्वारा एल0टी0 लाइनों का निर्माण किया जायेगा।
117911.76 किलोमीटर एल0टी0 लाइन में खुले तारों के स्थान पर ए0बी0 केबिल की प्रतिस्थापना की जायेगी। 33 केवी0 एवं 11 केवी0 लाइनों में 22906 तथा 18081 कि0मी0 कन्डक्टर की प्रतिस्थापना की जायेगी। 27178.76 कि0मी0 कन्ज्यूमर आर्मर्ड सर्विस केबिल लगायी जायेगी।
ऊर्जा विभाग बढ़ी हुई मांग के सापेक्ष विद्युत आपूर्ति करने में सक्षम है
कृषि कार्यों को बेहतर विद्युत आपूर्ति (Power Supply) हेतु कृषि पोषकों के पृथकीकरण 22397.44 कि0मी0 तथा मौजूदा वितरण परिवर्तकों पर अतिरिक्त सर्किट के लिये 123628 कि0मी0 ए0बी0 केबिल डाली जायेगी। अतिभारित पोषकों का विभक्तिकरण किया जायेगा जिसमें 33 के0वी0 12596.82 कि0मी0 एवं 11 केवी0 4500.24 कि0मी0 का कार्य किया जायेगा। 31300 रैपेस्टिर बैंक लगाये जायेगे।
विद्युत व्यवस्था सुधार हेतु इस योजना के कार्य प्रारम्भ भी हो गये हैं। अभी तक 1137 कि0मी0 ए0बी0 केबिल डाली जा चुकी है। 223.93 कि0मी0 एल0टी0 लाइनों को भूमिगत किया जा चुका है। उपभोक्ताओं के परिसर पर 80 कि0मीटर आर्मर्ड सर्विस केबिल लगाये जानें का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। छतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को निश्चित समयावधि में बदलनें का कार्य सुनिश्चित हो रहा है। 1 अप्रैल 2022 से आज तक तीन लाख से ज्यादा (315283) छतिग्रस्त ट्रांसफामरों को बदला गया है साथ ही अति भारित परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि भी की जा रही है। बिजनेसा प्लान के तहत 7092 परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि की जा चुकी है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों को निश्चित शिड्यूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
13 जून को अब तक की सर्वाधिक 27611 मेगावाट तक रही प्रदेश में विद्युत की मांग
स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों को निश्चित शिडयूल से भी ज्यादा 18 घण्टे 5 मिनट पंचायतों को 21.30, तहसील 21.30, बुन्देलखण्ड 20, जिला, मण्डल, महानगर, तथा उद्योगों को 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। पूरे प्रदेश में कहीं भी इमरजेन्सी रोसटिंग नहीं की गयी है। स्थानीय दोषों को भी कम से कम समय में ठीक करने के निर्देश दिये गये है। इसके लिए प्रदेश में पूर्व में ही तैयारी कर ली गयी थी।