लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर छात्र भी अपनी प्रतिभा और प्रदेश सरकार की योजनाओं के दम पर सफलता के शिखर को छू सकते हैं। यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2022 के नतीजों में सफल उन 13 अभ्यर्थियों ने भी इसी बात को साबित किया है, जिन्होंने योगी सरकार की मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (CM Abhyudaya Yojana ) के माध्यम से इस सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता अर्जित की। इस योजना के माध्यम से मात्र 3 वर्षों में लगभग 15 हजार छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित हो चुके हैं। इन विद्यार्थियों की सफलता न सिर्फ आने वाली पीढ़ी का मार्गदर्शन कर रही है, बल्कि सीएम योगी के प्रयासों को भी बल दे रही है जिन्होंने प्रदेश के सभी जिलों में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा समेत सभी तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (CM Abhyudaya Yojana ) संचालित करने का निर्णय लिया था। समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत इस योजना में विद्यार्थियों को सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के साथ ही इंटरव्यू के लिए भी विशेष सत्र आयोजित किए जाते हैं, जहां विषय विशेषज्ञों एवं वरिष्ठ आईएएस व पीसीएस अधिकारियों द्वारा अभ्यर्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
कमजोर आर्थिक परिवेश के छात्रों को मिला आत्मबल
जो विद्यार्थी यूपीएससी सिविल सेवा में चयनित हुए हैं, वो ऐसे परिवेश से आते हैं जहां उनके माता-पिता उनके लिए महंगी कोचिंग की व्यवस्था कर पाने में असमर्थ हैं। कोई किसान परिवार से संबंधित है तो कोई श्रमिक परिवार से। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (CM Abhyudaya Yojana ) ऐसे ही कमजोर आर्थिक परिवेश के अभ्यर्थियों की मदद के लिए शुरू की गई है।
6 फरवरी 2021 को उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर सीएम योगी ने आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, एनडीएस, सीडीएस, नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यह योजना शुरू की थी। तब से अब तक लगभग 15 हजार अभ्यर्थी विभिन्न परीक्षाओं में सफल होकर अपने सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर हैं। पीसीएस, पुलिस सेवा और आईआईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में यहां से शिक्षा पाए 132 अभ्यर्थियों सफलता प्राप्त की है।
ऑनलाइन स्टडी मटेरियल के साथ ऑफलाइन क्लास भी
इस योजना (CM Abhyudaya Yojana ) के अंतर्गत ऐसे सभी छात्रों को निशुल्क कोचिंग प्रदान की जाती है जो इन परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति के कारण नहीं कर पाते हैं। इस योजना के अंतर्गत मंडल स्तर पर छात्रों को सिलेबस एवं क्वेश्चन बैंक भी उपलब्ध करवाया जाता है। योजना का कार्यान्वयन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में किया जाता है। खास बात ये है कि इस योजना के अंतर्गत छात्रों को ऑनलाइन स्टडी मटेरियल के साथ ऑफलाइन कक्षाएं भी प्रदान की जाती हैं। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के होनहार छात्रों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है तो वहीं वह अच्छी से अच्छी कोचिंग प्राप्त करके विभिन्न परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
इन छात्रों का यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में हुआ है चयन
1.चंद्रकांत बगोरिया, रैंक 75
2.विश्वजीत सौर्यन, रैंक 126
3.मानसी, रैंक 178
4.आयुषी प्रधान, रैंक-334
5.आदित्य प्रताप सिंह, रैंक-341
6.कृतिका मिश्रा, रैंक 401
7. ईशान अग्रवाल, रैंक 409
8. नयन गौतम, रैंक 437
9. श्रीकेश कुमार राय, रैंक 457
10.मनप्रीत सिंह, रैंक 616
11. निधि सिंह, रैंक 748
12.क्षितिज कुमार, रैंक 907
13.रिंकू सिंह राही, रैंक 921
इन प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मिलती है कोचिंग की सुविधा
संघ लोक सेवा आयोग
यूपी लोक सेवा आयोग
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग
अन्य भर्ती बोर्ड संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षाएं
जेईई
नीट
एनडीए
सीडीएस
सबसे बड़ी खेल मेजबानी को तैयार उत्तर प्रदेश
अर्धसैनिक
केंद्रीय पुलिस बल
बैंकिंग
एसएससी
बीएड
टीईटी
यूपी संस्कृत संस्थान के एक अभ्यर्थी ने भी अर्जित की सफलता
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (CM Abhyudaya Yojana ) के साथ-साथ उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित निशुल्क कोचिंग योजना के माध्यम से भी एक अभ्यर्थी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की। इस योजना के माध्यम से परीक्षा की तैयारी कर रहे शुभम कुमार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के घोषित नतीजों में 41वां स्थान प्राप्त किया। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की तरह ही उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान भी यूपीएससी समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग की सुविधा प्रदान करती है।